किसान आंदोलन का आज 20वां दिन है। किसान कृषि विधेयकों के वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कृषि कानूनों और किसानों को लेकर कई बातें कही हैं। नितिन गडकरी ने कृषि कानूनों का समर्थन किया है।
नितिन गडकरी ने कहां की किसानों को तीनों कानूनों पर चर्चा करनी चाहिए, हमारे कृषि मंत्री इसके लिए तैयार हैं। कुछ तत्व ऐसे हैं जो इस आंदोलन का फायदा लेकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
नितिन गडकरी का कहना है कि हमारी सरकार गांव, गरीब, मजदूर, किसान के हितों के लिए समर्पित है, जो भी नए सुझाव किसान देंगे उसे स्वीकारने के लिए तैयार हैं। हमारी सरकार में किसानों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। इसके साथ ही उनका कहना है कि राजनीतिक नेताओं का और राजनीति करने का अधिकार है। सही बात राजनीतिक पार्टियां बताएं, किसान संगठन में किसान बताएं हम वह बदलाव करने के लिए तैयार हैं। इससे को सब राजनीति से दूर रखेंगे तो किसानों की भलाई होगी।
नितिन गडकरी ने कहा कि अन्ना हजारे किसान आंदोलन से नहीं जुड़ेंगे उनका कहना है कि हमने किसानों का कोई अहित नहीं किया इसलिए मुझे नहीं लगता अन्ना हजारे जुड़ने वाले है।
नितिन गडकरी ने किसानों का फायदा बताते हुए कहा कि हमारे देश में आठ लाख करोड़ के क्रूड आयल का आयात है, इसके बजाय हम दो लाख करोड़ की इथेनॉल की अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं। अभी वह केवल 20,000 करोड़ की है। अगर यह दो लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था बनेगी तो एक लाख करोड़ किसानों की जेब में जाएंगे।