दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहां “पूरे देश में इतना लंबा लॉकडाउन लगाया गया, लॉकडाउन के दौरान मार्केट, ट्रांसपोर्ट सारी गतिविधियां बंद रही।”
यहां तक की स्कूल, कॉलेज अभी तक बंद है जब स्कूल बंद हुए तो उस समय परीक्षाएं चल रही थी जब लॉकडाउन लगाया गया। उस समय दिल्ली सरकार के स्कूलों के लिए निर्णय लिया था कि 9वी और 12वीं के परीक्षाएं न करा कर उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाए। उसके बाद हमने केंद्र सरकार को भी कहा दसवी और 12वी के एग्जाम कैंसिल कर दिए जाएं, शुरुआत में उन्हें थोड़ी आपत्ति थी लेकिन बाद में उन्होंने एग्जाम कैंसिल करके स्टूडेंट्स को प्रमोट कर दिया।
पूरे सेमेस्टर बच्चों की पढ़ाई नहीं हुई
मनीष सिसोदिया ने कहा “स्कूल का मामला सुलझ गया लेकिन यूनिवर्सिटी का मामला अभी भी पेचीदा है क्योंकि इस पूरे सेमेस्टर बच्चों की पढ़ाई नहीं हुई, ऑनलाइन पढ़ाई हुई लेकिन लैब्बस, लाइब्रेरी, प्रैक्टिकल, फील्ड रिसर्च सब कुछ बंद रहा। कोई भी एक्टिविटी नहीं हुई और जब पढ़ाई नहीं हुई तो समस्या यह है कि परीक्षा कैसे ले।”दिल्ली सरकार का मानना है कि जिस सेमेस्टर की पढ़ाई नहीं उस सेमेस्टर की परीक्षा कराना मुश्किल है।
आगामी परीक्षाएं नहीं होंगी
मनीष सिसोदिया ने बताया “दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि दिल्ली राज्य की जितनी यूनिवर्सिटी है उनमें सभी आगामी परीक्षाएं कैंसिल कर दी जाएंगी। इसमें सभी यूनिवर्सिटी के सेमेस्टर एग्जाम और टर्मिनल एग्जाम है , फर्स्ट , सेकंड ,थर्ड ईयर की कोई भी आगामी परीक्षाएं दिल्ली राज्य में नहीं ली जाएंगी।”
बच्चों को डिग्री देना जरूरी है
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा “इस समय परीक्षाएं कराई नहीं जा सकती क्योंकि कोरोनावायरस का डर है बा की डिग्री देना इसलिए जरूरी है कि जिन बच्चों ने तीन-चार साल पढ़ाई की है वह डिग्री लेकर नौकरी करना चाहते हैं। और अपने परिवार जनों की मदद करना चाह रहे है ऐसे में उन्हें डिग्री देना बहुत जरूरी है।”
सरकार के इस फैसले से बच्चों को राहत मिलेगी, यह सारे फैसले दिल्ली राज्य की यूनिवर्सिटी के लिए है।
सीएम अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख रहे
मनीष सिसोदिया बताते हैं कि “यह सारे फैसले दिल्ली के राज्य यूनिवर्सिटीज के लिए है लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय जेएनयू और कई सेंटर यूनिवर्सिटी इसके लिए केंद्र सरकार निर्णय लेगी, माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है, और रिक्वेस्ट कर रहे हैं की जो निर्णय दिल्ली सरकार दिल्ली यूनिवर्सिटी के लिए ले रही है वहीं केंद्र सरकार देश भर के विश्वविद्यालय के लिए ले।
जिससे बच्चों को राहत मिले।