छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को रेलमंत्री पीयूष गोयल से अनुरोध किया है कि रेलवे द्वारा चलवाई ट्रेनें निशुल्क हों। उन्होंने पत्र लिखकर चलवाई गयी ट्रेनों के लिए पहले आभार प्रकट किया और फिर अनुरोध किया कि यह श्रमिकों के लिए निशुल्क हो।

 

भूपेश बघेल द्वारा लिखा गया पत्र। (स्त्रोत: ANI)

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा, कि पूरे देश में 1.17 लाख प्रवासी कामगर देश के 21 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में फंसे हुए हैं। उनके लिए यह ट्रेन निःशुल्क चलवाई जाएं। रेलवे द्वारा 1 मई, 2020 को जो पत्र जारी लिया गया था, उसमें स्लीपर मेल और एक्सप्रेस टट्रेन के लिए शुल्क निर्धारित किया गया था। अतः मानवीय आधार पर यह शुल्क ना लिया जाए और यात्रा निःशुल्क हो।
यह पत्र मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को शनिवार को भेजा है।

बघेल ने जम्मू से रायपुर-बिलासपुर 7 ट्रेनें, लखनऊ से रायपुर-बिलासपुर 3 ट्रेनें, कानपुर से रायपुर-बिलासपुर 2 ट्रेनें, चेन्नई से रायपुर-बिलासपुर 1 ट्रेन, बंगलौर से रायपुर-बिलासपुर 1 ट्रेन, पुणे से रायपुर-बिलासपुर 2 ट्रेनें, इलाहाबाद से बिलासपुर 1 ट्रेन, दिल्ली से रायपुर-बिलासपुर 3 ट्रेनें, हैदराबाद-सिकंदराबाद से रायपुर-बिलासपुर 3 ट्रेनें, विशाखापट्नम से रायपुर 1 ट्रेन, सूरत-अहमदाबाद से रायपुर 1 ट्रेन, कोलकाता से रायपुर 1 ट्रेन, जयपुर से रायपुर 1 ट्रेन, पटना से दुर्ग 1 ट्रेन के संचालन का आग्रह भी किया है।

इससे पहले भी कर चुके हैं अनुरोध:

छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इससे पहले भी वित्तीय कठिनाईयों का ज़िक्र कर चुके हैं। शुक्रवार को भी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के कारण राज्य में आने वाली वित्तीय कठिनाईयों की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया था। बघेल ने इस पत्र में भी प्रदेश में जरूरतमंद लोगों को राहत देने की बात कही थी। इसमें राहत के साथ राज्य के कामकाज के संचालन और विकास गतिविधियों की बात भी कही गयी थी। पत्र में उन्होंने लिखा था कि आपदा के समय असाधारण उपायों की आवश्यकता होती है। राज्य को इस साल उधार की सीमा जीएसडीपी के 6 प्रतिशत तक शिथिल करते हुए सहमति दी जानी चाहिए। साथ ही वित्तीय घाटा (राज्य का) भी इस वर्ष अपवाद के रूप में जीएसडीपी का 5 प्रतिशत के बराबर रखे जाने की भी सहमति प्रदान की जानी चाहिए।

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