एलएसी पर भारतीय सैनिकों पर फायरिंग का आरोप लगाने के बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने भी इसे लेकर बयान जारी किया है। अपने बयान में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि 7 सितंबर को भारतीय जवानों ने अवैध रूप से पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी तट से एलएसी पार की और सीमा पर गश्त कर रहे हमारे सैनिकों पर अंधाधुंध फायरिंग की। जिसके बाद हमारे सैनिकों ने भी स्थिति को संभालने के लिए कदम उठाए।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। चीनी सैनिकों की ओर से फिर घुसपैठ की कोशिश के चलते करीब चार दशक बाद सोमवार देर रात पहली बार दोनों तरफ से गोलीबारी की खबर है। हालांकि, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को चेतावनी देने के लिए ही गोली चलाई है।
ANI न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है, “पूर्वी लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गोलीबारी की घटना हुई है, जहां भारत और चीन की सेना के बीच पिछले तीन महीनों से गतिरोध जारी है।”
भारतीय सेना ने बयान जारी करके कहा
”भारत सीमा पर सेना की तैनाती कम करने और शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन चीन हालात को बिगाड़ने वाली और उकसाने वाली कार्रवाई कर रहा है। भारत ने एलएसी को कभी क्रॉस नहीं किया। फायरिंग समेत भारत ने कोई भी आक्रामक कार्रवाई नहीं की है। चीन की सेना आक्रमक रुख के साथ लगातार समझौते का उल्लंघन कर रही है।जबकि सैन्य और राजनीतिक स्तर पर बातचीत चल रही है।”