कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर चीन और नेपाल सीमा विवाद पर सरकार को पूरी बात स्पष्ट करने को कहा। राहुल गाँधी ने पत्रकार के सवाल के जवाब में बोलते हुए कहा कि मुझे नहीं पता वहाँ क्या हो रहा। सरकार को एक पूरे प्रकरण को स्पष्ट करना चाहिए।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस करके सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि लाकडाउन पूरी तरह से विफल हो गया है। पूरी दुनिया में लाकडाउन तब हटाया गया जब कोरोना का संक्रमण कम हो रहा था। जबकि भारत में इसके विपरीत किया गया। 21 दिनों में बीमारी कम नहीं हो रही है बल्कि बढ़ ही रही है। इस प्रेस कांफ्रेंस के कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से प्लान बी भी पूछा।
दुनिया के बाकी देशों ने लॉकडाउन तब हटाया, जब बीमारी कम होनी शुरू हुई। ऐसे में ये स्पष्ट है कि हमारे यहाँ लॉकडाउन विफल हो गया है। जो लक्ष्य मोदी जी का था, वो पूरा नहीं हुआ: श्री @RahulGandhi #RahulGandhiVoiceOfIndia
— Congress (@INCIndia) May 26, 2020
राहुल गांधी के प्रेस कांफ्रेंस की बड़ी बातें
- अब हम सम्मानपूर्वक भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री जी से पूछना चाहते हैं कि “प्लान बी” क्या है?
बीमारी 21 दिन में कम नहीं हुई, बल्कि बढ़ रही है - दुनिया के बाकी देशों ने लॉकडाउन तब हटाया, जब बीमारी कम होनी शुरू हुई। ऐसे में ये स्पष्ट है कि हमारे यहाँ लॉकडाउन विफल हो गया है। जो लक्ष्य मोदी जी का था, वो पूरा नहीं हुआ
- मोदी जी ने 21 दिन में कोरोना की लड़ाई जीतने की बात कही थी। लगभग 60 दिन हो चुके हैं। हिंदुस्तान पहला देश है, जो बीमारी के बढ़ते वक़्त लॉकडाउन हटा रहा है:
- प्रधानमंत्री जी की रणनीति क्या है? लॉकडाउन से कैसे निपटोगे? मजदूर भाई-बहनों, MSMEs की मदद कैसे करोगे? ये राजनीति नहीं है, बल्कि मेरी चिंता है। बीमारी बढ़ती जा रही है। इसलिए ये सवाल मैं पूछ रहा हूँ।
- पैकेज के बारे में कई प्रेस कॉन्फ्रेंस हुईं, हमें बहुत उम्मीदें थीं, पीएम ने कहा कि यह जीडीपी का 10% होगा। वास्तविकता यह है कि ये जीडीपी के 1% से भी कम है और उसमें भी ज्यादातर लोन है, नकद नहीं।
- कुछ राज्यों में हमारी सरकार है, हम किसानों, मजदूरों को सीधे नकद दे रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार से कोई समर्थन नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार के पर्याप्त समर्थन के बिना हमारे राज्यों के लिए कार्य करना कठिन होता जा रहा है।
- आगे सरकार की क्या योजना है ? कांग्रेस शासित राज्यों के पास रणनीति है- हम गरीबों को पैसा और भोजन दे रहे हैं, प्रवासियों का प्रबंधन कर रहे हैं, टेस्ट बढ़ा रहे हैं। लेकिन राज्यों के पास केंद्र सरकार की मदद के बिना कोई रणनीति नहीं हो सकती।