देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आज आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राहत पैकज का 5 वां किस्त की घोषणा की। पैकेज की पूरी राशि देखे तो 20 लाख 97 हजार 53 करोड़ की है। गौरतलब है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री देश के नाम संबोधन में 20 लाख करोड़ राशि का जिक्र किए थे।

दूसरे राज्य से अपने गांव लौट रहे प्रवासी मजदूरों के लिए गांव में रोजगार उपलब्ध करवाने से संबंधित निर्मला सीतारमण ने घोषणा की। ज्यादा मजदूरों को मनरेगा योजना से जोड़ा जाए इसके लिए 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त फण्ड दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस वित्त वर्ष के बजट में मनरेगा के लिए 61 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है लेकिन कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर अब 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बजट की घोषणा के बाद प्रतिदिन 300 मजदूर काम कर सकेंगे। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

वित्त निर्मला सीतारमण ने बताया, “सरकार अब मनरेगा में अतिरिक्त 40 हजार करोड़ रुपये आवंटित करेगी। यह फण्ड मानसून के मौसम के दौरान प्रवासी श्रमिकों को अधिक काम दिलाने में मदद करेगा।”

इस योजना का लाभ अपने क्षेत्रों/गांवों में वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों को मिलेगा। मानसून सीजन में भी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा। मानसून सीजन में पानी को संरक्षण का काम मजदूरों को दिया जाएगा। इससे उनका रोजगार मानसून सीजन में भी बना रहेगा।

गौरतलब है कि पहली बार मनरेगा का बजट 1 लाख करोड़ रुपये हुआ।

यूपी में मनरेगा के लिए ऐसे करे आवेदन

बड़ी संख्या में अपने गृह राज्य वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों को अपने गांव में रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने हेल्पलाइन नम्बर जारी कर दिया है। अब कोई भी मजदूर मनरेगा में काम करना चाहता है तो इन हेल्पलाइन नम्बर पर फोन लगाकर मदद मांग सकता हैं।

यूपी के 74 जनपद के मनरेगा कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर

उत्तर प्रदेश के 74 जिलों में मनरेगा योजना से जुड़ा कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। ये कंट्रोल रूम मजदूरों के लिए सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक खुले रहेंगे। मजदूर इन नम्बर पर कॉल करके अपनी समस्या बता के मदद लें सकेंगे।