पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद प्रधान ने राष्ट्रव्यापी ऑनलाइन वितरण-आधारित गैस ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म इंडियन गैस एक्सचेंज (आईजीएक्स) का शुभारंभ किया. आईजीएक्स प्राकृतिक गैस के वितरण के लिए एक वितरण- आधारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है आईजीएक्स बाजार सहभागियों को मानकीकृत गैस अनुबंधो में व्यापार करने में समर्थ बनाएगा. यह प्लेटफॉर्म ग्राहकों के लिए ट्रेडिंग अनुभव प्रदान करने के लिए पूरी तरह से वेब-आधारित इंटरफेस के साथ स्वाचालित है.

प्रेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक गैस के लिए नए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के लॉन्च ने भारत के ऊर्जा इतिहास में एक नए अध्याय का आंरभ किया है और यह देश को प्राकृतिक गैस के मुक्त बाजार मूल्य निर्धारण की दिशा में कदम बढ़ाने करेगा. उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के साथ, भारत प्रगतिशील अर्थव्यवस्थाओं के क्लब में शामिल हो रहा है. उन्होंने कहा कि बाजाह संचालित मूल्य निर्धारण प्रणाली होने से इंडिया गैस एक्सचेंज गैस के लिए मुक्त बाजार साकार करने की दिशा में बड़ी भूमिका निभाएगा.

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि पेट्रोलियम और पाकृतिक गैस नियामक बोर्ड देश के हर हिस्से में प्राकृतिक गैस को किफायती बनाने के लिए शुल्क को युक्तिसंगत बनाने की दिशा में काम कर रहा है. प्रधान ने कहा कि इस व्यापार में सरकार कोई प्रयोजन नहीं है.

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक गैस के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म केंद्र की प्रगतिशील नीति का सबसे बड़ा संकेतक है क्योंकि यह विविध स्त्रोतों से गैस उत्पादन और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से एलएनजी के आयात से लेकर पारदर्शी मूल्य व्यवस्था तक पूरी ऊर्जा मूल्य श्रृंखला को पूर्ण करता है.

भारत के लोगों को ऊर्जा की दृष्टि से न्याय प्रदान करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि स्वच्छ, किफायती, टिकाऊ और ऊर्जा की समान आपूर्ति तक जनता की सार्वभौमिक पहुंच होनी चाहिए.

भारत को गैस-आधारित अर्थव्यवस्था बानाने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख करते हुए प्रधान ने कहा कि भारतीय गैस बाजार में पूर्व-एनईलपी, एनईलपी, हाई टैम्प्रेचर एंड हाई प्रैशर और डीप वाटर और अल्ट्रा डीप वाटर ब्ल़ॉक सहित परिसंपत्तियों के लिए विविध मूल्य बैंड हैं. उन्होंने कहा कि देश में जल्द ही 50 एमएमटी एलएनर्जी टर्मिनल क्षमता होगी.

उन्होंने कहा कि देश के कतर,ऑस्ट्रलिया, रुस और अन्य देशों के साथ गैस अनुबंध हैं और उसने विदेशों, रुस और अन्य में महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों में जारी ऊर्जा गंगा, पूर्वी भारत ग्रिड, पूर्वोत्तर में इन्द्रधनुष परियोजना, धमरा-दहेज पाइपालाइन, कोयला गैसीकरण और सीबीएम नीति जैसी विभिन्न परियोजनाओं का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में देश में 30,000 किमी से अधिक पाइपालाइन होगी.