कोरोना वायरस महामारी के साथ उत्तराखंड राज्य एक और त्रासदी का सामना कर रहा है पिछले 5 दिनों से उत्तराखंड के कई इलाकों के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है। बढ़ते तापमान के कारण उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाएं और बढ़ती जा रही है।

अकेले कुमाऊं क्षेत्र से लगभग 21 आग की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे यह राज्य में सबसे कठिन क्षेत्रों में से एक है। गढ़वाल क्षेत्र में जंगल की आग की 16 घटनाएं हुई हैं और आरक्षित वन क्षेत्र में जंगल की आग की 9 घटनाएं हुई हैं। वन विभाग द्वारा जंगल की आग से होने वाले नुकसान का अनुमान लगभग 1.32 लाख रुपये है। जंगल में आग लगने से दो लोगों की भी जान चली गई है, जबकि एक व्यक्ति के जंगल में गिर जाने से घायल होने की खबर है। अब तक उत्तराखंड में करीब 46 बार आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी है जिसमें 51.34 हेक्टेयर का जंगल जल चुका है वन विभाग का कहना है कि इस आग के कारण इस साल लगभग बहुत नुकसान हो रहा है।
जंगलों में आग लगने से घुरूड़, काकड़ सहित अन्य दुर्लभ प्रजाति का भी खात्मा होता जा रहा है। लाखों जीव जंतु इस आग के शिकार बन चुके हैं।
उत्तराखंड में मंगलवार को कोरोना के 44 नए मरीज मिले। इसके साथ ही राज्य में कोरोना मरीजों की कुल संख्या चार सौ पहुंच गई है। मंगलवार को मिले अधिकांश कोरोना पॉजिटिव प्रवासी या कोरोना मरीजों के परिजन हैं। अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि मंगलवार को पिथौरागढ़ में सर्वाधिक 14, नैनीताल में 10, टिहरी में छह, अल्मोड़ा में तीन, देहरादून में तीन,यएस नगर में दो और हरिद्वार जिले में छह मरीजों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है।