राजस्थान के राजनितिक गतिरोध के बीच सचिन पायलट के पोस्टर हटाए जाने की खबर सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य की पार्टी आफिस से उनके पोस्टर निकाले जा रहें है। सचिन पायलट अभी वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
इसके पहले कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि राजस्थान में सभी विधायक और मंत्री के लिए आलाकमान के दरवाजे हमेशा खुले थे ,खुले हैं और आगे भी खुले रहेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले 48 से 72 घंटे के दौरान कई नेताओं ने सचिन पायलट से बात करने की कोशिश की है। अगर उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत है तो पार्टी फोरम में आकर अपनी बात कहें। हालांकि इस दौरान उन्होंने पार्टी में मतभेद की बात भी स्वीकारा। सुबह से चल रही मीटिंग में 97 विधायक भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर पहुंचे। रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि कुछ विधायक निजी कारणों से भी नहीं पहुंच पाए हैं और आज शाम तक सभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात करेंगे। वहीं पायलट गुट का दावा है कि उनके पास तीन विधायकों का समर्थन है।
पिछले 48 घंटे से राजस्थान का राजनितिक समीकरण बिगड़ गया है। कांग्रेस उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के बगावती तेवर दिखाने के बाद अब वहां एक तरह से से राजनितिक संकट खड़ा हो गया है। बताया जा रहा है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मतभेद पहले से काफी बढ़ गए हैं।
इसके पहले कहा जा रहा था कि सचिन पायलट भाजपा में सामिल हो सकते हैं लेकिन मीडिया में जारी किए गए बयान में उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया है। कल उनके भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के सम्पर्क करने की बात आई थी।
फिलहाल केन्द्र की तरफ रणदीप सुरजेवाला, अविनाश पाण्डेय, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वो सभी विधायकों से बात करें और नाराज विधायकों को मनाने की कोशिश करें।
आज विधायक दल की मीटिंग में न पहुंचने पर सचिन पायलट पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। उनको प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है इसके अलावा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है। पूरा विवाद प्रदेश अध्यक्ष के पद को लेकर ही शुरु हुआ है। अशोक गहलोत जहाँ अपनी पसंद का प्रदेश अध्यक्ष चाहते हैं वहीं सचिन पायलट अपनी पसंद का।
Rajsthan विधानसभा की मौजूदा स्थिति,कुल सीटें: 200
कांग्रेस-107,भाजपा-72 ,निर्दलीय-13,आरएलपी-3,बीटीपी-2,लेफ्ट-2,आरएलडी-1