घरवाले चाहते थे कि इंजीनियर बन जाएं, पर पत्रकारिता की चाह ने उस ओर जाने से रोक लिया। तब से लेकर अब तक अलग-अलग हिस्सों में घूम रहे हैं, टटोल रहे हैं गांव-नगर-समाज की नब्ज़। BHU में पांच साल तक पढ़ने के बाद, अंततः IIMC आ पहुंचे।
कहते हैं घुमक्कड़ों का कोई धर्म नहीं होता। इनका भी कोई धर्म नहीं है। दिमाग में बस घूमने के बारे में ही सोचते रहते हैं। कहते हैं पूरा इंडिया घूमना है। अब से आपको घर बैठे-बैठे घूमाएंगे ही। आपको बताएंगे भी की कहाँ घूमने जाएं।
दर्शन, लोकनीति, साहित्य एवं फिल्मों में विशेष रुचि के साथ विभिन्न शोध संस्थानों के साथ काम।
वर्तमान में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से परास्नातक कर रहे हैं।