स्रोत: ANI

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज पत्रकार वार्ता कर हाथरस की घटना और कृषि कानूनों पर अपनी बात रखी। राहुल ने हाथरस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर भी निशाना साधा। वहीं, कांग्रेस नेता ने कृषि कानूनों को लेकर कहा कि ये खाद्य सुरक्षा के मौजूदा ढांचे को तोड़ने की दिशा में एक कदम है।

राहुल गांधी ने घटना पर प्रतिक्रिया दी है, जब पिछले हफ्ते वो हाथरस जा रहे थे और पुलिस के साथ धक्कामुक्की में वो जमीन पर गिर पड़े थे। पंजाब में किसान कानूनों पर रैलियां कर रहे राहुल गांधी ने कहा कि ‘कोई बड़ी बात नहीं है’। राहुल ने कहा कि ‘क्या हुआ जो मुझे धक्का दे दिया गया था, हमारा काम देश को बचाना है।’
बता दें कि पिछले हफ्ते राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे थे। लेकिन नोएडा पुलिस ने उनके काफिले को यमुना एक्सप्रेस-वे पर रोक लिया था। इस दौरान दोनों नेताओं ने गाड़ी से उतरकर पैदल मार्च करना शुरू कर दिया था। उनके साथ कार्यकर्ताओं का बड़ा हुजूम भी था।

पीएम को भी नहीं समझ आते कृषि कानून कांग्रेस नेता राहुल गांधी बोले कि मुझे लगता है कि खुद पीएम मोदी को भी ये तीन कृषि कानून समझ नहीं आते हैं। कांग्रेस नेता बोले कि 6 महीने बाद देश में ना रोजगार होगा और ना ही भोजन होगा, क्योंकि सिस्टम को तोड़ दिया गया। लेकिन मेरी इस बात का फिर मज़ाक उड़ाया जाएगा। मोदी सरकार ने इन कानूनों को लेकर सबकुछ तोड़ दिया। आज कम मंडियां हैं, कुछ जगह भ्रष्टाचार है लेकिन किले को ही तोड़ दिया तो किसान नहीं बचेगा। राहुल बोले कि पीएम मोदी सिर्फ अंबानी-अडानी के लिए रास्ता साफ कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि आज ना मीडिया फ्री है और ना अदालतें फ्री हैं, इसी वजह से विपक्ष कमजोर है। अगर ये सब अपने मुताबिक काम करें तो सरकार का सच सामने आ जाए। राहुल बोले कि यूपी में ही लड़की के साथ रेप हुआ और सरकार उसके परिवार से ही सवाल पूछ रही है। राहुल ने सवाल किया कि नरेंद्र मोदी ने 8000 करोड़ के दो प्लेन खरीद लिए उसमें तो पूरा पलंग है।सिर्फ इसलिए क्योंकि उनके दोस्त ट्रंप के पास भी ऐसा ही है। मुझे किसी चीज की जल्दी नहीं है।

राहुल ने कहा कि सिर्फ मेरे शब्द नहीं एक्शन पर भरोसा करें, मुझे पंजाब ने काफी कुछ दिया है। जब मेरी दादी ने चुनाव हारा तो घर में कोई नहीं था, लेकिन सिर्फ सिख ही थे। मेरी दादी को हमेशा सिखों ने बचाया, मैं हमेशा पंजाब का कर्जदार रहूंगा। अगर कुछ गलत हो रहा है, तो मैं आवाज़ जरूर उठाउंगा। मैं कमजोर के साथ खड़ा होता हूं, इसलिए शायद राजनीतिक करियर धीमा पड़ा है लेकिन मैं ऐसा ही हूं। अगर इन कानून से फायदा होता तो फिर संसद में डिबेट क्यों करवाई, अगर फायदा है तो कोरोना के वक्त ही क्यों पास किया। अगर मंडियां बंद होंगी, तो उनमें काम करने वालों का क्या होगा।