राजस्थान में राजनीति उथल-पुथल के बीच यह कहा जा रहा है की सचिन पायलट कल भाजपा में सम्मिलित हो सकते हैं। हालांकि भाजपा और सचिन पायलट की तरफ से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात के बाद यह कयास लगाए जा रहें हैं कि सचिन पायलट भी कल भाजपा का दामन थाम सकते हैं। और उनके साथ समर्थक विधायक इस्तीफा दे सकतें हैं। अगर ऐसा होता है तो गहलोत सरकार अल्पमत में आ जाएगी। जिसका दावा सचिन पायलट पहले ही कर चुके हैं।
आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों को आवास पर मिलने के लिए बुलाया था। लेकिन 102 विधायकों में सिर्फ 75 विधायक ही मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे। ऐसे में पार्टी की तरफ कल की मीटिंग के लिए ह्विप जारी किया जा सकता है।
कल सुबह 10:30 बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। जिसमें केन्द्रीय टीम से पर्यवेक्षक के रूप में कांग्रेस रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और राजस्थान प्रभारी अविनाश पाण्डेय मौजूद रहेंगे। लेकिन सचिन पायलट के आफिस द्वारा दिए गए बयान से एक बात तो स्पष्ट हो गई है कि वो कल विधायक दल की मीटिंग में नहीं जा रहें हैं। साथ ही उनका दावा है की उनके 30 समर्थक विधायक भी कल की मीटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार कांग्रेस के बागी विधायक हरियाणा के मेवात में रूके हैं।
राजस्थान में राजनीतिक संकट इस बात से समझा जा सकता है कि वहां के प्रभारी अविनाश पाण्डेय ने अपने बयान में यह कहा कि वो लगातार सचिन पायलट से सम्पर्क करना चाह रहें हैं लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो पा रहा है।
सोनिया गांधी ने नहीं दिया समय
पिछले दिनों सचिन पायलट ने सोनिया गाँधी से भी सम्पर्क करना चाहा था। लेकिन समय नहीं मिलने के कारण उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं हो पाई थी। हालांकि सचिन पायलट से सोनिया गांधी के राजनितिक सलाहकार अहमद पटेल ने बातचीत के दौरान यह आश्वासन दिया था कि किसी भी तरह का अन्याय उनके साथ नहीं होगा।