बिहार में बाढ़ का प्रकोप हर पल बढ़ता जा रहा है. बाढ़ का संकट इतना बढ़ गया है कि लोगों का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है. लोगों की जमा-पूंजी बाढ़ में बह गया है. बिहार इस वक्त दो आपदाओं की मार झेल रहा है. पहला कोरोना और दूसरा प्रलयकारी बाढ़.

कोरोना वायरस का संकट दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. साथ ही, हर साल की तरह की आने वाली बाढ़ ने भी इस राज्य को गहरा संकट में डाल दिया है. बाढ़ संकट का प्रकोप राज्य के 14 जिलों के 112 प्रखंडों की 1043 पंचायतों में बढ़ गया है. खबर लिखे जाने तक बाढ़ से 49 लाख 40 हजार की आबादी प्रभावित हो चुकी है.

बाढ़ से प्रभावित जिलों में सीतामढ़ी के सिंहवाहिनी ग्राम की मुखिया रितु जायसवाल ने लोगों से बाढ़ के कारण पीड़ित ग्रामीणों की आर्थिक मदद के लिए अपील की है.

आर्थिक मदद के लिए आप इस लिंक पर जाएं. https://milaap.org/fundraisers/HelpBiharCrossTheCrisis

रितु जायसवाल ने बताया कि अभी ऐसा हुआ है कि सड़क न होने से दो लोगों की मौतें हुई. एक गर्भवती महिला की मौत हो गई. कल एक और व्यक्ति की मौत हो गई है सड़क नहीं बन पाने के कारण. काफी कोशिश के बाद अभी रोड कनेक्टिविटी हुई।

उन्होंने आगे बताया, “पंचायत के कई गांव ऐसे है जो कि दूध के व्यवसाय पर निर्भर करते हैं. बाढ़ के कारण रोड टूट गई, इसके कारण गाड़ी नहीं आ पाती है. उन गरीबों के दूध बर्बाद हो जाते हैं. बेचने नहीं जा पाते हैं, उन्हें पैसे नहीं मिल पाते हैं. दिहाड़ी मजदूरों को काम मिलना बंद हो जाता हैं. मजदूरी नहीं मिल पाती हैं. पानी के कारण वो बाहर जाकर कोई काम नहीं कर सकते हैं. जो लोग सब्जीयों का काम करते है,उनकी सब्जियां पानी में सड़-गल जाती हैं. घरों में पानी घुस जाने के कारण मवेशियों के लिए रखा चारा सड़ जाता हैं. यहां तक की उनके अनाजों में पानी चला जाता है. जिसके कारण उनका अनाज खराब हो जाता हैं.

उन्होंने कहा, ‘मैं आप लोगों से उम्मीद करती हूं, कुछ मदद की. हालांकि, मैं समझ रही हूं कि आप लोगों ने कोरोना में भी काफी कुछ किया होगा. कई लोगों तक मदद पहुंचाई होंगी. हमने भी नहीं सोचा था. हम लोगों ने लाख प्रथाना की थी कम से कम इस बार बाढ़ ना आएं. लेकिन, ऐसा नहीं हो पाया.”

उन्होंने आर्थिक मदद की अपील करते हुए कहा, “एक बार फिर उम्मीदों के साथ मैं रितु जायसवाल मुखिया सिंहवाहिनी ग्राम पंचायत.”

रितु जायसवाल ने वीडियो जारी करके लोगों से आर्थिक मदद की अपील की. वीडियो में भावुक होते हुए कहा, “जब से मुखिया बनी हूं. 4 सालों से लगातार भीषण बाढ़ देख रही हूं. 2017, 2019 और अब 2020 को भीषण बाढ़ देख रही हूं. जितना सोचती हूं पंचायत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढूंगी उतनी ही पानी की गति से 10 कदम पीछे धकेल दी जाती हूं. निश्चित तौर पर ये सपना देख कर आई थी कि पंचायत को आत्मनिर्भर बनाऊंगी. लेकिन, हर साल नॉर्थ बिहार और उत्तर बिहार की जो भीषण प्रलयकारी बाढ़ आता है कई उम्मीदें ,सपने और हौसले को तोड़ देती हैं. हौसला फिर भी बचा कर रखी हूं कि शायद कभी न कभी अपने पंचायत को आत्मनिर्भर बनाने में सफल होंगी.”

पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रितु जायसवाल ने बताया कि आर्थिक मदद और खर्चे की सारी जानकारी हम अपने फेसबुक पेज और ट्विटर पर अपडेट करते रहेंगे।

रितु जायसवाल का ट्विटर हैंडल लिंक- https://twitter.com/activistritu?s=09

रितु जायसवाल का फेसबुक पेज लिंक- https://www.facebook.com/RituJaiswalOfficial/