जागृति राय
साल 2016 में क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी के पर बनी फिल्म आई धोनी। फिल्म के मुख्य किरदार में थे सुशांत सिंह राजपूत। यह फिल्म सुशांत के कैरियर के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई। धोनी के किरदार ने उन्हें एक नया मुकाम दिया। बॉलीवुड सहित पूरे देश के लिए के लिए वो अब एक उभरता हुआ सितारा थे। लेकिन आज जब अचानक उनकी आत्महत्या की खबर लोगों ने सुनी तो विश्वास करना मुश्किल था। लोगों के जुबान पर एक ही सवाल था कि आखिर फिल्मी कैरियर में ऊर्जा और सकारात्मकता से भरा हुआ किरदार करने वाला अभिनेता ऐसा कैसे कर सकता है? एक सफल अभिनेता के जिंदगी में ऐसा क्या हुआ कि उसने जिंदगी को ही खत्म करने का फैसला कर लिया? फिलहाल इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं है। लेकिन अपने चहेते कालाकार को यूं जिंदगी से हार जाने का गम पूरे देश को है। हालात यह है कि सोशल मीडिया पर गम और हैरानी जताने वाले लोगों की संख्या थमने का नाम नहीं ले रही है।
पटना से मायानगरी तक का सफर
सुशांत सिंह राजपूत का जन्म पटना में 21 जनवरी 1986 को हुआ था। स्कूल के बाद उन्होंने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। लेकिन चार साल के कोर्स को बीच में ही तीसरे साल छोड़ दिया। उसके बाद अपने सपनों की तलाश में उन्होंने अभिनय की दुनिया की कदम रखा। इजीनियरिंग के के तीसरे साल में ही वो डांस क्लास और ऐक्टिंग क्लास जाने लगे थे। साल 2005 में 51वें फिल्म फेयर समारोह के लिए वह बैकग्राउंड डांसर चुने गए। इस बीच उन्हें यह एहसास होने लगा था कि उनकी मंजिल डांस और अदाकारी है ना कि इजीनियरिंग। तीसरे साल में पढ़ाई बीच में ही छोड़ कर मुंबई आ गए और एक नए सफर पर निकल पड़े। शुरूआत में विज्ञापनों में काम किया और डांस के लिए अपने जुनुन को बरकरार रखा और खुद के फैसले और उनके रास्तों के तलाश में निकल पड़े।
पहला बड़ा पड़ाव टेलीविजन बना
एक छोटे से शहर से आए लड़के लिए टीवी में काम करना बड़ी बात होती है। भारत में अदाकारी की दुनिया ऐसी है कि बिना किसी गॉडफादर के अपनी प्रतिभा से मौका मिलना कम ही हो पाता है। ऐसे में सुशांत सिंह राजपूत की छोटी सफलताएं मायने रखती हैं।
पहली बार 2008 में बालाजी टेलीफिल्म की एक टीम ने सुशांत का व्यक्तित्व और अदाकारी को ‘एकजुटे नाटक’ के मंच पर देखा। उस समय तक सुशांत मुंबई में थियेटर करने में लगे हुए थे। टीम ने सुशांत को ऑडिशन के लिए बुलाया। इसके कुछ ही दिनों में सुशांत ‘किस देश में है मेरा दिल’ धारावाहिक में प्रीत जुनेजा के किरदार में नजर आये। धारावाहिक में सुशांत का किरदार ज्यादा ज्यादा समय के लिए नहीं था, लेकिन दर्शकों की मांग पर सुशांत के किरदार को दोबारा लाया गया। इस छोटे से किरदार में ही सुशांत ने अपनी अदाकारी से गहरा प्रभाव छोड़ा।
इस बीच साल 2019 में सुशांत जी टीवी के धारावाहिक ‘पवित्र रिश्ता’ में नजर आये। धारावाहिक में ‘मानव देशमुख’ के किरदार ने सुशांत को घर-घर में पहुंचा दिया।
इसके बाद सुशांत ने ‘जरा नच के दिखा’ और और ‘झलक दिखला जा’ जैसे डांस रियलिटी शो में नजर आये। अपने अदाकारी के साथ ही उन्होंने डांस की दुनिया में भी अपने आप को साबित किया।
सफर फिल्मों तक ले आया
सुशांत सिंह राजपूत का बड़े पर्दे पर दिखना बड़ी बात थी। खुद उनके लिए भी और उनके चाहने वालों के लिए भी। आज भी सालों से अभिनेता टीवी में ही काम करते रह जाते हैं और उनमें प्रतिभा होते हुए भी मौके नहीं मिल पाते। लेकिन बिना किसी गॉडफादर के सुशांत ने अपनी प्रतिभा के दम पर फिल्मी दुनिया में कदम रखा।
साल 2013 में ‘काय पो चे’ फिल्म में सुशांत पहली बार बड़े पर्दे पर नजर आये। फिल्म सफल रहीं। फिल्म की सफलता सुशांत की सफलता भी साबित हुई। दर्शकों को छोटे शहर से आया बड़े सपनों वाला एक और लड़का पर्दे पर दिख गया था। जिसके सिर्फ नाम पर काम नहीं मिला था बल्कि उसने अपने काम से नाम कमाया था।
इसके बाद सुशांत की एक के बाद एक कई हिट फिल्में आई। जिसमें शुद्ध देसी रोमांस, पीके, एस एस धोनी, राब्ता, केदारनाथ, सोनचिरईया और छिछोरे जैसी फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों में भी पीके और एस एस धोनी ने सफलता के नए मानक स्थापित किये।
एस एस धोनी फिल्म की बात करें तो यह सुशांत के करियर को अलग ऊंचाई पर ले गया। इस फिल्म के माध्यम से महेंद्र सिंह धोनी को उन्होंने पर्दे पर उतारा जो सीधे दर्शकों के दिल में उतर गया। फिल्म ने लोगों को धोनी की जिंदगी के साथ-साथ सुशांत के अभिनय क्षमता से भी रूबरू कराया।
सफलता के साथ सुशांत अकेले थे
सुशांत की उम्र सिर्फ 34 साल थी। उनके आकर्षक व्यक्तित्व पर लोग फिदा थे। उनकों प्यार करने वाले लोगों की कमी नहीं थी। लेकिन असल जिंदगी में सुशांत का रिलेशनशिप का तमगा सिंगल का था।
पवित्र रिश्ता धारावाहिक में काम करते हुए उनकी साथी कलाकार अंकिता लोखंड़े से नजदीकियों के बारे में बताया जाता है। लेकिन बाद में खबरें आई कि अब वह दोनों अलग हो गए हैं। माना जाता है कि सुशांत की फिल्मों में आने के बाद दोनों में दूरियां बढ़ गई थी।
इसके बाद भी समय-समय पर अपने साथी कलाकारों के साथ उनकी नजदीकियों की खबरें मीडिया में आती रहती थी। लेकिन सुशांत ने खुद इन खबरों की पुष्टि कभी नहीं की।
विश्वास करना मुश्किल
सुशांत की आत्महत्या की खबर जो भी सुना पहली बार में विश्वास करना मुश्किल था। एक सफल अभिनेता जिसे देखकर कोई ये अंदाजा भी नहीं लगा सकता था कि कभी यह आत्महत्या कर सकता है, वह अब हमारे बीच नहीं रहा। सुशांत के अचानक आत्महत्या का खबर सुनकर लोग उनकी पिछले साल आई फिल्म ‘छिछोरे’ को याद कर रहे हैं। इस फिल्म के एक दृश्य की खूब चर्चा हो रही है, जिसमें सुशांत अपने बेटे को फेल हो जाने पर सुसाइड की कोशिश करने पर समझा रहे हैं। बतौर पिता सुशांत अपने बेटे को बताते है कि कॉलेज लाइफ में कैसे वो पीछे थें, लेकिन जीने का हौसला उन्होंने कभी नहीं छोड़ा और बाद में टॉपर बने।
लेकिन अब हकिकत इससे अलग है। सुशांत अब हमारे बीज नहीं हैं। हमें नहीं पता वो किन परिस्थितियों में थे, लेकिन जो अब पता है वो ये कि उन्होंने जीने का हौसला छोड़ दिया था।