उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजूदरों को वापस घर भेजने के नाम पर पिछले कई दिनों से सरकार और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है। अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी इस प्रकरण में आ गए हैं। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा “आम जनता को ये समझ नहीं आ रहा है कि जब सरकारी, प्राइवेट और स्कूलों की पचासों हज़ार बसें खड़े-खड़े धूल खा रही हैं तो प्रदेश की सरकार प्रवासी मज़दूरों को घर पहुँचाने के लिए इन बसों को सदुपयोग क्यों नहीं कर रही है। ये कैसा हठ है? बस की जगह बल का प्रयोग अनुचित है।” हालांकि उन्होंने कांग्रेस को लेकर कुछ नहीं कहा। 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। लेकिन चुनाव हारने के बाद दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया।
आम जनता को ये समझ नहीं आ रहा है कि जब सरकारी, प्राइवेट और स्कूलों की पचासों हज़ार बसें खड़े-खड़े धूल खा रही हैं तो प्रदेश की सरकार प्रवासी मज़दूरों को घर पहुँचाने के लिए इन बसों को सदुपयोग क्यों नहीं कर रही है. ये कैसा हठ है?
बस की जगह बल का प्रयोग अनुचित है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 19, 2020
इससे पहले उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमों मायावती ने भी ट्विट करके सरकार और कांग्रेस दोनों को घेरा था। उन्होंने लिखा “यदि कांग्रेस पार्टी के पास वास्तव में 1,000 बसें हैं तो उन्हें लखनऊ भेजने में कतई भी देरी नहीं करनी चाहिये, क्योंकि यहाँ भी श्रमिक प्रवासी लोग भारी संख्या में अपने घरों में जाने का काफी बेसबरी से इन्तज़ार कर रहें हैं।” इसके साथ ही बीएसपी प्रमुख मायावती ने केन्द्र से भी अपील करते हुए कहा “वह राज्यों की आर्थिक स्थिति को खास ध्यान में रखकर तथा मानवता व इन्सानियत के नाते भी खुद अपने खर्च से श्रमिक प्रवासियों को बसों व ट्रेनों आदि से सुरक्षित भिजवाने के लिए जरूर सकारात्मक कदम उठाए। इसके साथ ही, राज्यों की सरकारों से भी यह कहना है कि वे अपने-अपने राज्यों में श्रमिक प्रवासियों की खाने व ठहरने तथा उन्हें सरल प्रक्रिया के ज़रिये बसों व ट्रेनों आदि से भेजने की उचित व्यवस्था जरूर करें।”
3. बी.एस.पी. का यह भी कहना है कि यदि कांग्रेस पार्टी के पास वास्तव में 1,000 बसें हैं तो उन्हें लखनऊ भेजने में कतई भी देरी नहीं करनी चाहिये, क्योंकि यहाँ भी श्रमिक प्रवासी लोग भारी संख्या में अपने घरों में जाने का काफी बेसबरी से इन्तज़ार कर रहें हैं। 3/3
— Mayawati (@Mayawati) May 19, 2020
क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश में देश भर से लगातार प्रवासी मजदूर आ रहें हैं। बीते शनिवार को प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार से 1000 बसों को उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश को लेकर अनुमति मांगी थी। सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी बसों की विस्तृत जानकारी मांगा था। सोमवार की ही शाम को प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने पत्र लिखकर 1000 बसों की सूची उपलब्ध करवा दिया था। जिसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्य अपर सचिव अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गांधी के निजी सचिव को एक पत्र लिखा और कहा कि मंगलवार तक सभी बस चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस के साथ-साथ सभी बसें लखनऊ भेज दी जाए। तभी से लेकर उतर प्रदेश में राजनीतिक पारा गरम है।