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5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राममंदिर का भूमिपूजन हुआ, कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए भूमिपूजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कुल 175 लोगों को आमंत्रित किया गया था।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार 7 अगस्त, 2020 को ट्वीट कर कहा कि आज मुझे एक दलित नेता ने फोन किया बोले भाई साहेब राष्ट्रपति दलित उन्हें नही बुलाया गया उप मुख्यमंत्री मौर्या उन्हें नही बुलाया गया। ऐसा क्यों? भाजपा दलितों को मंदिरों से बाहर क्यों रखना चाहती है?

दलित के खिलाफ हिंसा और अपराध हुए

इस ट्वीट के बाद संजय सिंह ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि “राम मंदिर भूमि पूजन का जो आयोजन हुआ है इसमें प्रधानमंत्री आए थे लेकिन उसमें महमहिम राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया और यह वही भारतीय जनता पार्टी है जब राष्ट्रपति का चुनाव हुआ था तो योगी जी के साथ जितने भी भारतीय जनता पार्टी के नेता है वह कह रहे थे कि देखिए हमने एक दलित को राष्ट्रपति बनाया है और भूमि पूजन के मौके पर राष्ट्रपति को नहीं बुलाया जाता, कल्याण सिंह पिछड़ा वर्ग के हैं उनको नहीं बुलाया गया।”उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तक को नहीं बुलाया गया।
संजय सिंह बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के शासन में सबसे ज्यादा दलित के खिलाफ हिंसा और अपराध हुए हैं।

देश को राष्ट्रपति नहीं बुलाते

संजय सिंह कहते हैं कि देश के राष्ट्रपति को जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है जब ये मानसिकता अभी भी है तो कैसे भगवान राम के अन्यायी हो सकते हैं उस मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जिन्होंने शबरी के झूठे बेर खाए। राम ने वानरों की सेना लेकर रावण का नाश किया। उस राम के अन्यायी होने के लिए आपको अपने चरित्र में राम के आदर्श, राम की सोच, राम की भावना को उतारना पड़ेगा। लेकिन आप तो देश के राष्ट्रपति को नहीं बुलाते।

मैंने सवाल खड़ा किया था

संजय सिंह बताते हैं कि यह मैंने सवाल खड़ा किया था कब से भाजपा की फौज मुझसे नाराज है मैंने तो सिर्फ इतना पूछा महामहिम राष्ट्रपति जी को भूमि पूजन में क्यों नहीं बुलाया? भाजपा के मन में चोर था, प्रसाद दलित को भेजने की नौटंकी क्यों? प्रसाद भेजने का ड्रामा लेकिन मंदिर प्रवेश पर रोक।