शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर हमाला बोलते हुए कहा कि पीएम केयर्स फण्ड की आडिट होनी चाहिए। किसने पैसा दिया, कितना दिया। ये स्पष्ट होना चाहिए। अपने विडियो सन्देश में राहुल गांधी ने अनके मुद्दों को उठाया। उन्होंने कहा कि ‘हम एक आपात स्थिति में हैं, हमें पूरी तरह से NYAY के विचार की आवश्यकता है, हमें तुरंत भारत के 50% सबसे गरीबों को ₹7500 देने की आवश्यकता है, यह महत्वपूर्ण है और यह इतना बड़ा प्रश्न नहीं है।’ राहुल गांधी ने कहा कि यह आलोचना का समय नहीं है। मैं सरकार की आलोचना नहीं करूंगा लेकिन हमें इस स्थिति से निकलना होगा।
गरीबों की मदद करे सरकार
अपने विडियो संदेश में राहुल गांधी ने सरकार से गरीब मजूदरों के मदद की बात कही। उन्होंने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि सरकार को मनरेगा की अवधि 200 दिन तक बढ़ा देना चाहिए। यह कठिन समय है हमें देश के लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए। कांग्रेस पार्टी वही कर रही है। अपने विडियो संदेश में उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार विपक्ष से बात नहीं कर रही है। लेकिन हम सरकार को सुझाव दे रहे हैं।
केन्द्र सरकार मुख्यमंत्रियों को पैसा नहीं दे रही
राहुल गांधी ने कहा हमारे मुख्यमंत्रियों को दिल्ली से उनके हक का पैसा नहीं मिल रहा है। हमें इनपुट मिले हैं कि भाजपा के मुख्यमंत्रियों को भी यही फीलिंग है। ये वास्तविकता है। प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्रियों पर और मुख्यमंत्रियों को कलेक्टर पर विश्वास करना होगा। अगर हम इसे केन्द्रीकृत करते हैं तो दिक्कत होगी। आज स्थिति सामान्य नहीं है। इसमें सामान्य समाधान नहीं निकलने वाला है। अगर हम विकेंद्रीकरण करके इस लड़ाई को जिला स्तर तक ले जाएं, तो समाधान निकल सकता है। अगर हम इस लड़ाई को PMO तक रखेंगे, तो हारने की संभावना है।
इसके अलावा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोग्य सेतु की सिक्योरिटी पर भी सवाल खड़े किए और सरकार को इसे ओपन सोर्स बनाने के लिए कहा जैसे सिंगापुर सरकार कर रही है। राहुल गांधी ने रोजगार बचाने के लिए भी एक ठोस नीति बनाने की मांग की।
राहुल गांधी इसके पहले रिज़र्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी से भी बातचीत के दौरान सरकार को आर्थिक मामलों पर घेर चुके हैं।