कांग्रेस ने सचिन पायलट और उनके 2 समर्थक मंत्री को गहलोत सरकार से हटाया। गोविंद सिंह दोतसरा को राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष बनाया। यह बड़ी कार्रवाई तब हुई जब आज सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक मंत्री मीटिंग में नहीं पहुंचे। इस पूरे प्रकरण पर सचिन पायलट ने ट्वीट करते हुए लिखा “सत्य परेशान हो सकता पराजित नहीं।” सभी की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि सचिन पायलट आगे क्या फैसला लेते हैं।
सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) July 14, 2020
सुबह से अबतक क्या कुछ हुआ
राजस्थान में चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने बयान देते हुए कहा कि “पहली बात तो ये कि ये सरकार जाए ये हमारी कोशिश रहेगी। दूसरा राजस्थान की जनता और लोगों के हित में जो होगा वही किया जाएगा। अगर आवश्यकता पड़ी तो आज दोपहर 12 बजे हम बैठेंगे और वर्तमान राजनीतिक स्थितियों पर चर्चा करेंगे। सरकार और (कांग्रेस) पार्टी अंतर्विरोध और अंतर कला की शिकार थी नतीजा अपमानित होकर सचिन पायलट को कांग्रेस से अलग होना पड़ा। ये दुर्भाग्य है राजस्थान का कि उसकी जनता को ऐसा नेतृत्व मिला था। हम अपनी तरफ से फ्लोर टेस्ट की डिमांड नहीं कर रहे हैं। ”
सुबह विधायक दल की बैठक से पहले कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अविनाश पाण्डेय ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “हम।सचिन पायलट को दूसरा मौका देना चाहते हैं। उनसे आज की बैठक में सम्मिलित होने के लिए कहा गया है। मुझे उम्मीद है कि सभी विधायक अपना विश्वास नेतृत्व के प्रति प्रकट करेंगे। हम सभी राजस्थान के विकास के काम करेंगे जिसके लिए जनता ने हमें चुना है।”
इससे पहले कल हुए कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट और समर्थक विधायक नहीं पहुंचे थे। जिसके बाद उन्हें मनाने की बहुत कोशिश हुई लेकिन वो मानने को तैयार नहीं हुए। वही अशोक गहलोत ने कल विधायक दल की बैठक के बाद अपने समर्थक विधायकों को एक रिजार्ट में भेज दिया है। जबकि सचिन पायलट गुट के विधायक राज्य की राजधानी जयपुर से कोसों दूर हैं।
राजस्थान विधानसभा की मौजूदा स्थिति,कुल सीटें: 200
कांग्रेस-107,भाजपा-72 ,निर्दलीय-13,आरएलपी-3,बीटीपी-2,लेफ्ट-2,आरएलडी-1