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मंगलवार, 22 सितंबर

मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल की राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा आयोजित हिन्दी का सबसे बड़ा महोत्सव “तूर्यनाद” 14 सितम्बर, 2020 से 26 सितम्बर, 2020 तक आयोजित किया जा रहा है। तूर्यनाद’20 के अंतर्गत कार्यक्रम के नौवें दिन का समापन बहुप्रतीक्षित प्रतियोगिता “अभिव्यक्ति” के साथ हुआ।

प्रतियोगिता में निर्णायक

वादन प्रतियोगिता – श्री विकास विपट – सुप्रसिद्ध कलाकार, राजा मान सिंह तोमर संगीत एवम् कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर।

गायन प्रतियोगिता – श्री हर्ष के. गर्ग – बॉलीवुड संगीतकार।

अभिनय प्रतियोगिता – सुश्री श्रुति सिंह – सहायक निर्देशक, रंगमंच अभिनेत्री।

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नृत्य प्रतियोगिता – श्रीमती अपूर्वा मुक्तिबोध भावे – सहायक प्राध्यापक, रंगमंच कलाकार।

देश भर के युवाओं द्वारा प्रथम चरण में भेजी गई प्रविष्टियों के आधार पर प्रतिभागियों का चयन द्वितीय चरण के लिए किया गया।
युवाओं में कलात्मक कौशल निखारने के उद्देश्य से आयोजित इस प्रतियोगिता में देश के विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों ने निम्न विधाओं में प्रस्तुति दी गई:-

 

नृत्य – प्रतिभागियों ने कथक, अर्द्धशास्त्रीय नृत्य, भरतनाट्यम समेत भारत की विविध नृत्य कलाओं का प्रदर्शन किया। संपूर्ण भारत की कलाओं का दर्शन एक ही मंच पर हुआ। मुख्य आकर्षण में तीसरी कक्षा की बालिका आर्या तनुश्री रही जिन्होंने अपने शास्त्रीय नृत्य कला से सभी दर्शकों का मन मोह लिया।

गायन – “गहन कुसुम कुंज माझ मृदुल मधुर बंसी बाजे बिसरि त्रास लोकलाज सजनी आओ आओ हो” जैसे गीतों पर और “पिया घर आवेंगे” समेत कई महमोहक भारतीय गानों पर अपनी कला का प्रदर्शन किया। अंत में श्री हर्ष गर्ग जी ने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया।

वादन – “राधा कृष्ण”, “एकला चलो रे”, जैसे गीतों का तबला, गिटार, बांसुरी, पियानो जैसे यंत्रों के माध्यम से कलाकारों ने विभिन्न रागों में अद्भुत वादन कला का प्रदर्शन किया। अंत में श्री विकास बापट जी ने अपने आशीर्वचनों द्वारा प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया।

अभिनय – विभिन्न विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के छात्रों ने उत्तम अभिनय कला का प्रदर्शन किया।

दिल्ली, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश आदि अनेक प्रदेशों से कलाकारों नेअपनी प्रस्तुतियाँ दीं।

तूर्यनाद में प्रतिभागिता हेतु http://www.tooryanaad.in पर जाकर पंजीयन किया जा सकता है। आयोजन देखने हेतु यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब किया जा सकता है।

बुधवार के कार्यक्रम
बुधवार सायं 5 बजे प्रति कुलपति, देव संस्कृति विश्वविद्यालय, श्री चिन्मय पंड्या जी अतिथि वक्ता के रूप में जुड़ेंगे।