पुलिस पर फायरिंग करने वाला विकास दुबे 25000 रूपये का इनामी बदमाश है। विकास पहले प्रधान और जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है। उसके खिलाफ करीब 53 हत्या के प्रयास के मुकदमे चल रहें है। वर्ष 2018 में विकास दुबे नें अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला किया था। उसने माती जेल में बैठकर पूरे साजिश रची थी।
कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। इसके अलावा, वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था। इसके अलावा कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास की जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है। वर्ष 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी है।
वृहस्पतिवार की रात को पुलिस जब विकास को पकड़ने गई तो उसने अपनी गैंग के साथ मिलकर पुलिस पर फायरिंग कर दिया। जिसमें 8 पुलिस जवान शहीद हो गए और 7 घायल। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पूरी घटना का रिपोर्ट मांगा है। वहीं अब इस पूरे मामले को STF को सौंप दिया गया है।