स्त्रोत-न्यूज 18 इंडिया

यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। लंबे समय से लंबित शिक्षक भर्ती मामले में कल इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने फैसला सुनाया। लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के हक में फैसला दिया।

राज्य सरकार द्वारा तय मानक पर कोर्ट ने मुहर लगाया। आदेश के मुताबिक सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी 65% और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी 60% पाकर उत्तीर्ण माने जाएंगे। कोर्ट ने राज्य सरकार को 3 महीनें के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया। जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस करुणेश सिंह पावर की खंडपीठ ने ये फैसला दिया। इस मामले में कोर्ट ने 3 अप्रैल को ही फैसला सुरक्षित रख लिया था

गौरतलब है कि 6 जनवरी 2019 को प्राथमिक स्कूलों में सहायक शिक्षकों की 69,000 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। इन पदों पर भर्ती के लिए करीब 4 लाख उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। परीक्षा के अगले दिन सरकार के तरफ से आरक्षित और समान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 60% और 65% कटऑफ तय किया गया था। सरकार के फैसले के खिलाफ शिक्षामित्रों ने उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल की थी।

7 जनवरी 2019 को शिक्षामित्रों ने शासनादेश के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। शिक्षामित्रों का कहना था कि सरकार मनमाने तरीके से भेदभाव करते हुए इस परीक्षा में कटऑफ तय की हैं, क्योंकि इससे पहले वाली परीक्षा में सरकार ने कटऑफ सामान्य वर्ग और आरक्षित वर्ग के लिए क्रमशः 45% और 40% तय की थी। हालांकि, सरकार के तरफ से कहना है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए कदम लिया गया है। सरकार की ये भी दलील है कि इस बार 4 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है, इस वजह से कटऑफ मार्क्स बढ़ना पड़ा है।