शिवम भारद्वाज

आज ऐनी फ्रैंक का जन्मदिन है। ऐनी जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में जन्मी थी। ऐनी फ्रैंक एक यहूदी परिवार से थीं। जो उन लाखों यहूदियों में से एक सुपरिचित नाम है जो द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नस्लीय नफ़रत और युद्ध का शिकार हो गये थे। एनी का जीवन-काल 12 जून 1929 से फरवरी 1945 है। 16 वर्ष का संछिप्त जीवन-काल। एनी को किताबे पढ़ना, लिखना सबसे ज्यादा पसन्द था। एनी पत्रकार बनना चाहती थी। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान एनी फ्रैंक द्वारा लिखित डायरी में एनी व उसके परिवार के उत्तर-जीविता और अस्तित्व के संघर्ष और तत्कालीन वैश्विक परिस्थितियों का वर्णन किया गया है। एनी फ्रैंक द्वारा लिखित यह डायरी द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान की परिस्थितियों का वर्णन करती हुई एक बेजोड़ दस्तावेज है। इतनी कम उम्र में इस जिन्दादिल लड़की ने जिस खूबसूरती के साथ अपने भावों को शब्द दिये हैं वह वाकई अद्भुत है। बर्गन-बेलसेन के यातना-शिविर में एनी और उसकी बहन मार्गोट की म्रत्यु हो गयी थी।

3 मई 1944 को ऐनी अपनी डायरी में लिखती है–

लोगों को भोजन के लिए भूखे क्यों रहना पड़ता है? जबकि दुनिया के अन्य भागों में भोजन के पहाड़ सड़ रहे हैं, ओह लोग इतने पागल क्यों हैं?

मैं इस बात में विश्वास नहीं करती की युद्ध बस राजनीतिज्ञों और पूंजीपतियों का का काम है। अरे नहीं, आम आदमी भी हर तरह से उतना ही दोषी है; अन्यथा, लोग और राष्ट्र बहुत पहले ही विद्रोह कर चुके होते! लोगों में क्रोध करने, हत्या करने और मारने का एक विनाशकारी आग्रह होता है। और जब तक सारी मानवता, बिना किसी अपवाद के, एक कायापलट से होकर नहीं गुजरती, युद्ध छेड़ने जारी रहेंगे, और हर चीज जो सावधानी से बनाई गई, विकसित की गई, और बढ़ाई गई, सब, केवल फिर से शुरू करने के लिए, काट कर गिरा दी जाएगी या नष्ट कर दी जाएगी।

मैं अक्सर हताश रहती हूं, लेकिन आशाहीन कभी नहीं। मैं छिपने की जगह में अपने जीवन को खतरे और रोमांस से भरे, एक दिलचस्प साहसिक कार्य, की तरह देखती हूं और हर अभाव को मेरी डायरी के लिए एक अतिरिक्त मनोरंजक के रूप में। मैंने अन्य लड़कियों से अलग तरह का जीवन व्यतीत करने और बाद में एक साधारण ग्रहणी ना बनने के लिए अपना मन बना लिया है। मैं जो यहां अनुभव कर रही हूँ, वह एक दिलचस्प जीवन की एक अच्छी शुरुआत है, और यही कारण है- एकमात्र कारण है – कि क्यों मुझे सबसे खतरनाक क्षणों के विनोदी पक्ष पर हंसना पड़ता है।

मैं जवान हूँ और मेरे पास कहीं छिपे गुण हैं; मैं युवा और मजबूत हूं और एक बड़े साहसिक कार्य का अनुभव कर रही हूं; मैं बिल्कुल इसके बीच में हूं और पूरा दिन शिकायत करने में व्यतीत नहीं कर सकती क्योंकि कोई भी मजाक करना असंभव है! मुझे कई चीजों का आशीर्वाद है: खुशी, एक हंसमुख स्वभाव और ताकत। मैं खुद हर दिन परिपक्व होती महसूस करती हूं, मैं आजादी को करीब आता महसूस करती हूँ, मैं प्रकृति की सुंदरता और अपने चारों ओर लोगों की अच्छाई महसूस करती हूँ। हर दिन मैं सोचती हूं कि कितना आकर्षक और मनोरंजक साहसिक कार्य है यह! उस सब के साथ मुझे निराश क्यों होना चाहिए ?

ऐनी तुम एक प्रेरणा और प्यार हो, जो हमेशा हमारे अंदर जीवित रहती हो।

(लेखक पेशे से पत्रकार हैं)