छह दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में 28 साल बाद जज सुरेंद्र कुमार यादव की विशेष अदालत अपना फैसला सुना दिया है। जज ने फैसला पढ़ते हुए कहा है कि यह विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था बल्कि आकस्मिक घटना थी। विशेष अदालत ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी व कल्याण सिंह सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया है।
शुरुआती रिपोर्ट जो सामने आ रही है उसके मुताबिक सभी 32 लोगों को आरोप मुक्त कर दिया गया है। कोर्ट ने ये भी कमेंट किया है कि अयोध्या में जो ढांचा गिराया गया वह किसी षड्यंत्र के तहत नहीं किया गया था।