बसवराज बोम्मई

कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा की विरासत कौन संभालेगा, इसको लेकर चल रही अटकलों पर आज विराम लग गया। भाजपा केन्द्रीय पर्यवेक्षक धर्मेन्द्र प्रधान और जी किशन रेड्डी की मौजूदगी में बसवराज बोम्मई को विधायक दल का नेता चुन लिया गया। वह कल को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। बसवराज बोम्मई बीएस येदियुरप्पा के करीबी मानें जाते हैं, और उनकी सरकार में वह गृहमंत्री के साथ संसदीय कार्यमंत्री भी थे। आपको बता दें कि सोमवार को हुई विधायक दल की बैठक में बीएस येदियुरप्पा ने बसवराज बोम्मई के नाम का प्रस्ताव किया था, जिसे सभी ने स्वीकार कर लिया।

पिता भी रह चुके हैं मुख्यमंत्री

बसवराज बोम्मई 2008 में जनता दल से भाजपा में आए थे। इसके बाद लगातार वह आगे बढ़ते गए। पहले वह येदियुरप्पा सरकार में जलसंसाधन मंत्री थे। इसके बाद उन्हें गृहमंत्री का पद दिया गया। बसवराज बोम्मई ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद टाटा समूह में भी नौकरी भी की है। उनके पिता एसआर बोम्मई भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

येदियुरप्पा की नाराजगी क्यों मोल नहीं ले सकती भाजपा

कर्नाटक की राजनीति में दो समुदायों की सबसे ज्यादा प्रभाव है। वोकालिंगा और लिंगायत, जहां वोकालिंगा का समुदाय राज्य में 11 प्रतिशत का वोट बैंक है। वहीं, लिंगायत समुदाय का 17% वोट बैंक है। लिंगायत समुदाय राज्य की 120 सीटों पर हार और जीत का फैसला करती है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से ही आते हैं और लिंगायत वोट बैंक पर उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। इसके अलावा लिंगायत समुदाय लगातार भाजपा के पक्ष में वोट करता आ रहा है। इसी वजह से भाजपा येदियुरप्पा को नाराज नहीं करना चाहती।

इस नए बदलाव के बाद भाजपा कर्नाटक की राजनीति में बहुत ही सतर्कता से आगे बढ़ रही। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आने वाले समय में येदियुरप्पा के बेटे वाय वी विजयेंद्र को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है।