अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को चिट्ठी लिखी है। अरविंद केजरीवाल ने यूनिवर्सिटी एक्ट के सेक्शन 5(2) को खत्म करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कॉलेज के कट ऑफ 99 फीसदी और 100 फीसदी होने की वजह से दिल्ली में छात्रों को परेशानी हो रही है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 12वीं तक तो काफी स्कूल बना दिये, पर उसके बाद पढ़ाई के लिए छात्रों को कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाता है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि आज मैंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को चिट्ठी लिखकर विनती की है कि इस कानून में जो सेक्शन 5 है उसको हटाया जाए। ताकि दिल्ली में यूनिवर्सिटी और कॉलेज खोले जा सकें। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि केंद्र सरकार अंग्रेजों के जमाने के इस कानून को बदलेगी। अगर 100 परसेंट कट ऑफ पर एडमिशन मिलेंगे तो बच्चे कहां जाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के अंदर कॉलेज और यूनिवर्सिटी की बहुत ज्यादा कमी हो गई है। सीट कम हैं और बच्चों की संख्या ज्यादा हो गई है। जिस तेजी के साथ बच्चों की संख्या बढ़ रही है, उस तेजी के साथ कॉलेज-यूनिवर्सिटी बढ़ने चाहिए थे। हर साल दिल्ली में लगभग ढाई लाख बच्चे 12वीं पास कर करते हैं। उनमें से लगभग सवा लाख बच्चों को दिल्ली के कॉलेजों में एडमिशन मिलता है, बाकी सवा लाख बच्चे कहां जाएंगे। यानी दिल्ली के कॉलेजों में दिल्ली के बच्चों के लिए केवल 50 फ़ीसदी की कैपेसिटी है।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में इस समय बहुत सारे कॉलेज और यूनिवर्सिटी खोलने की जरूरत है। हम यूनिवर्सिटी और कॉलेज खोलने के लिए और निवेश करने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि एक बहुत बड़ी कानूनी अड़चन हमारे सामने आ रही है। दिल्ली यूनिवर्सिटी एक्ट अंग्रेजों के समय बना था और उसमें यह लिखा है कि दिल्ली में अगर कोई भी कॉलेज खुलेगा तो वह केवल दिल्ली यूनिवर्सिटी के साथ जुड़ सकता है।