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भारतीय मनो- नैतिक शिक्षा और संस्कृति को समर्पित संस्थान ‘प्रज्ञानम् इंडिका’ और ‘शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास’ द्वारा संयुक्त रूप से ‘२१वीं सदी में वैदिक गणित’ विषयक राष्ट्रीय ई-संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। 17 अक्टूबर 2020 को आयोजित होने वाले इस वेबिनार को देश भर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। संगोष्ठी का समय 11 बजे पूर्वाह्न रखा गया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध शिक्षाविद् और ‘शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास’ के राष्ट्रीय सचिव श्री अतुल कोठारी जी करेंगे एवं मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह जी उपस्थित रहेंगे। सारस्वत वक्ता के रूप में प्रो. कैलाश विश्वकर्मा तथा विशिष्ट वक्ता के रूप में डॉ. तरुण कुमार गर्ग वैदिक गणित के महत्त्व, उसकी प्रासंगिकता और प्रकार्यों पर अपनी बात रखेंगे। कार्यक्रम के संयोजक एवं ‘प्रज्ञानम् इंडिका’ के संस्थापक निदेशक प्रो. निरंजन कुमार वैदिक गणित को नए और बदलते भारत के लिए अत्यंत प्रासंगिक मानते हैं। उनका कहना है कि अपनी इस प्राचीन विद्या के माध्यम से भारत पूरे विश्व में ज्ञान के क्षेत्र में अपना लोहा मनवा सकता है।
संगोष्ठी का प्रसारण ‘प्रज्ञानम् इंडिका’ के फ़ेसबुक पेज (www.facebook.com/pragyanam.indica) पर भी किया जाएगा तथा सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए संयोजक से 9717294790 पर संपर्क किया जा सकता है।