कोरोना वायरस के चलते लगातार मंत्रालयों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा रही हैं। गुरुवार को देश में कोरोना की स्थिति और इसके परीक्षण के लिए दवाओं, वैक्सीन और अन्य जरूरी चीजों के प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। इसमें नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल के साथ डॉ. के विजय राघवन भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि हम इस लड़ाई को वैक्सीन और दवाई के माध्यम से ही जीत सकते हैं।
डॉ. वीके पॉल ने कहा कि हम सभी को अपनी इम्युनिटी पॉवर को मजबूत करना होगा। हमारे देश में वैक्सीन खोजने के लिए सभी कंपनियां जुटी हुई हैं। इसके साथ में रिसर्च का काम भी चल रहा है। इस वक्त हमारे 30 समूह वैक्सीन विकसित करने के काम में लगे हुए हैं। जबतक वैक्सीन नहीं बनती तबतक जरूरी है कि हम सभी सोशल डिस्टेंसिंग, ट्रैकिंग और टेस्टिंग जारी रखें।कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा गया कि हमारे देश का विज्ञान आधार और फार्मा इंडस्ट्री, दोनों बेहद मजबूत हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद हमने अपने बेस बहुत मजबूत किया है। हमारी फार्मा इंडस्ट्री को फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड कहा जाता है।
कॉन्फ्रेंस में सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के विजय राघवन भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि हमें समझना होगा कि वैक्सीन कैसे काम करती है, इसे बनने में कितना समय लगता है और उसका वितरण कैसे होता है। उन्होंने आगे कहा की आमतौर पर वैक्सीन को बनने में 10 से 15 साल का समय लगता है, इसकी लागत 200 मिलियन डॉलर के करीब होती है। अब हमारी कोशिश है कि इसे एक साल में बनाया जाए इसलिए एक वैक्सीन पर काम करने की जगह हम लोग एक ही समय में 100 से अधिक वैक्सीन पर काम कर रहे हैं।
#WATCH Health Ministry briefing on COVID19 situation in the country https://t.co/y0NHeCH67H
— ANI (@ANI) May 28, 2020
कॉन्फ्रेंस में हुई महत्वपूर्ण बातें:
1. हमारे यहां के रेग्यूलेटरी सिस्टम मिशन मोड में काम कर रहे हैं। वैक्सीन का ट्रायल करना है या देश में लानी हो तो रेग्यूलेटरी सिस्टम की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है।
2. 20 नई कंपनियों द्वारा हमें डायग्नोस्टिक किट प्रदान की गयी है। हमारी जरूरत पूरी होने के बाद हम इन किट को दुनिया को भी उपलब्ध कराएंगे। इसके साथ जुलाई तक हमारी रोज़ पांच लाख किट बनाने की क्षमता हो जाएगी।
3. दूसरे देशों की तरह हमारे देश में भी कई दवाओं पर ट्रायल किया जा रहा है। बीसीजी वैक्सीन के साथ हैड्रॉक्सिक्लोरोकिन के साथ फेरीपेरावीर दवा और अन्य दवाओं पर ट्रायल चल रहा है।
4. मीडिया ने लोगों को जागरूक करने में और मानसिकता बदलने में बहुत अहम भूमिका निभाई है। हमारी अपील है कि देश की वैज्ञानिक उपलब्धियों को भी मीडिया फोकस में लाए।
5. वैक्सीन विकसित करने की तीन पहल हैं। पहली प्रयास से, दूसरी सहयोग से और तीसरी जहां रिसर्च अग्रिम चरण में है वहां पहुंचने से।