रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कारगिल विजय दिवस के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी के उस समय राष्ट्रीय सुरक्षा पर उनके दृष्टिकोण को याद करते हुए कहा ही कि अटल जी ने कहा था कि ‘हमने यह साबित कर दिया कि हम किसी बाहरी दबाव के सामने नहीं झुकेंगे।
हमने यह भी साबित कर दिया कि हम एक जिम्मेदार राष्ट्र हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के दायरे में हम जो कुछ भी करते हैं, वह हमेशा आत्मरक्षा के लिए करते हैं, आक्रमण के लिए नहीं। और अगर दुश्मन देश ने कभी हमारे ऊपर आक्रमण किया, तो हमने यह भी साबित कर दिया कि कारगिल की तरह हम उसे मुंहतोड़ जवाब देंगे।
हम शांति चाहने वाले देश हैं
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सेंटीमेंट जैसा 21 साल पहले था, वैसा ही आज भी है। हम शांति चाहने वाले देश हैं, पर किसी संकट के समय अपनी राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता के लिए बड़े से बड़ा कदम उठाने के लिए भी हम हमेशा तैयार हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि अभी हाल ही में मुझे लेह-लद्दाख जाने और वहां से इन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देने का अवसर प्राप्त हुआ था। मैंने अनुभव किया, कि कितनी कठिन और विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे जांबाज बहादुरों ने अपना संयम और धैर्य बनाए रखकर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया था। वे अपने दिल और दिमाग, दोनों से इस देश को समर्पित थे।
मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि 20 वर्ष पहले के मुकाबले मैंने वहाँ बहुत बड़ा बदलाव देखा है।
देश की सेवा करना एक सैनिक का धर्म है
राजनाथ सिंह ने संबोधित करते हुए कहा हम सबको अपने देश का एक इमानदार सैनिक बनने की जरूरत है देश की सीमा पर रहकर देश की सेवा करना एक सैनिक का धर्म तो है ही, साथ ही देश के अंदर रहकर भी देश के प्रति अपने कर्तव्यों का इमानदारी से निर्वहन करना भी एक सैनिक का धर्म है। इस देश को सुरक्षित रखने का कार्य अगर सीमा पर हमारे सैनिक कर रहे हैं, तो इसकी एकता, अखंडता और भाईचारे को बरकरार रखना हमारी जिम्मेदारी है।