स्रोत - फेसबुक

बीते फरवरी में उत्तरी दिल्ली में दंगों के दौरान हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में बड़ा खुलासा हुआ है। स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव, छात्र नेता कंवलप्रीत कौर और वकील डीएस बिंद्रा का नाम हेड कॉन्सटेबल रतन लाल की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में शामिल किया गया है। हालांकि तीनों का नाम 17 आरोपियों की लिस्ट में नहीं है।

चार्जशीट में कहा गया

चार्जशीट में कहा गया है कि “(चांद बाग) धरना प्रदर्शन के आयोजकों के लिंक डीएस बिंद्रा, कंवलप्रीत कौर, देवेंद्र कालिता, सफूरा, योगेन्द्र यादव आदि के साथ थे, जो कि साफ इशारा करते हैं कि हिंसा के पीछे कोई छिपा हुआ एजेंडा था।
पुलिस के अनुसार, ‘चांद बाग विरोध प्रदर्शन की शुरुआत जनवरी के मध्य में हुई थी। चार्जशीट के अनुसार, 24 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे हुए, जिनमें 750 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। दंगों के दौरान 53 लोगों को जान गई, जिनमें दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्सटेबल रतन लाल भी शामिल हैं।’

चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि “रतन लाल और एसीपी और डीसीपी और कुछ अन्य पुलिसकर्मी चांद बाग के धरना स्थल पर मौजूद थे। उन पर भीड़ ने हमला कर दिया था। रतनलाल वजीराबाद रोड पर स्थित डिवाइडर को कूदकर पार नहीं कर सके और गोली लगने और पत्थर लगने से वहीं गिर पड़े।”
चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि “लाठी-डंडों से भी पीटा गया और जब उन्हें ज़ीटीबी अस्पताल ले जाया गया वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। हम 25 फरवरी को हुआ। चार्जशीट के अनुसार रतनलाल की मौत गोली लगने से हुई। इसके अलावा उनके शरीर पर किस जगह चोट के निशान थे।”

चार्जशीट में बताया गया है कि एक गवाह से पूछताछ के दौरान योगेंद्र यादव का नाम सामने आया था। द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में योगेंद्र यादव ने बताया है कि “मैंने जो कुछ भी कहा है वह पब्लिक डोमेन में है और कोई एक घटना बता दीजिए जब मैंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हिंसा को भड़काने के लिए कहीं।”