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शांभवी शुक्ला

गाजीपुर जिले के नगसर थाना क्षेत्र के नूरपुर ग्राम में सामने आई पुलिस की बर्बरता पर मुख्यमंत्री ने कार्यवाही की है। जिसमें थानाध्यक्ष, उप निरीक्षक समेत 3 आरोपियों को निलंबित करने का आदेश दिया गया है।

इसके अलावा आपको बता दें कि इस घटना की जांच की कमान जिलाधिकारी को प्रकाश आर्य ने अपने हाथ में ली थी। जिसमें एसडीएम ने 14 लोगों का बयान लिया था। जांच अधिकारी के रूप में एसडीएम जमानिया सत्यप्रिय सिंह ने नूरपुर गांव क्षेत्र प्राथमिक विद्यालय पहुंचकर पीड़ित परिवार के 8 सदस्यों का बयान दर्ज किया था।इसके अलावा उन्होंने थानाध्यक्ष समेत पांच पुलिसकर्मियों का भी बयान नोट किया था। जिसके बाद रिपोर्ट प्रभारी मंत्री को सौंपी गई थी।

आपको बता दें कि घटना के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार ग्राम विकास एवं संसदीय राज्यमंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला को निरीक्षण के लिए भेजा गया था। जिसके बाद राज्य मंत्री ने 3 दिन के अंदर रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट की जांच स्वयं कर, शुक्ला ने मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी। आधार पर सीएम योगी ने कार्यवाही के आदेश दिए हैं।

राज्य मंत्री ने यह जानकारी भाजपा जिला कार्यालय पर फोन के जरिए दी है। बताया है कि जिले के बहुचर्चित बर्बरता मामले में आरोपित तत्कालीन थानाध्यक्ष रमेश कुमार एवं उप निरीक्षक कृष्णा यादव सहित आरोपियों को शासन ने निलंबित कर दिया है।

आपको बता दें कि 26 जुलाई की शाम गांव के राजन पांडे नामक युवक पुलिस की गिरफ्त से भाग गया।जिस पर  तिलमिलाये थानाध्यक्ष ने दलबल समेत ब्राह्मण परिवार के 9 सदस्यों को थाने ले जा बर्बरता से पीट जेल भेज दिया। बर्बरता के शिकार हुए लोगों में फौज के हवलदार पद से सेवानिवृत्त अजय पांडे भी शामिल हैं। पीड़ित परिवार घर की बूढ़ी स्त्री के  ब्रह्मभोज की तैयारी कर रहा था। वहीं पुलिस ने अपराधी को घर में छिपाने और पुलिस के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है।