प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुरुवार को ब्रिटेन में आयोजित “इंडिया ग्लोबल वीक 2020” के उद्घाटन में कहां “पिछले कुछ सालों में इंडिया इंक ने शानदार काम किया। कोरोना वायरस की इस महामारी में देश की इकोनॉमी के रिवाइवल पर चर्चा करना स्वाभाविक है। ग्लोबल रिवाइव जब होगा, तो भारत की अहम भूमिका होगी।”।
पीएम मोदी टेक्नोलॉजी को धन्यवाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा पिछले 6 सालों में भारत ने GST समेत हाउसिंग, इन्फ्रा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, टैक्स सुधार में काफी काम किया है। भारतीयों के पास जो असभंव माना जाता है, उसे हासिल करने की क्षमता है। जब आर्थिक सुधारों की बात आती है तो भारत हमेशा बेहतर ही देखता है। पीएम मोदी ने टेक्नालॉजी को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज तकनीकी के जरिए सबकुछ जरूरतमंद लोगों के पास पहुंच रहा है। लोगों के बैंक अकाउंट में पैसे पहुंच रहे हैं। फ्री में अनाज और अन्य जरूरत का सामान पहुंच रहा है। यह सब तकनीकी से ही संभव हुआ है।
ग्लोबल कंपनियों का स्वागत करते हैं
पीएम मोदी ने कहा “भारत दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हम भारत में सभी ग्लोबल कंपनियों का स्वागत करते हैं। आज भारत जिस तरह के मौके दे रहा है, बहुत कम देश ऐसा करेंगे। भारत में कई सेक्टर्स में कई संभावनाएं और अवसर हैं। हमारे कृषि सुधार में कई तरह के निवेश के मौके हैं। हमने MSME सेक्टर में सुधार किए हैं। MSME सेक्टर भी एक बड़ी इंडस्ट्री होगी। डिफेंस सेक्टर में निवेश के अवसर हैं। अब स्पेस सेक्टर में निजी निवेश के अधिक अवसर हैं। इसका मतलब ये हुआ कि लोगों के लाभ के लिए स्पेस टेक्नालॉजी के कमर्शियल उपयोग के लिए पहुंच बढ़ेगी।
भारत टैलेंट का पावरहाउस
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि “भारत टैलेंट का पावरहाउस है। वो दुनिया के विकास और भलाई में योगदान देता आया है और देना चाहता है। हमारा देश आगे बढ़ना चाहता है। भारतीय नैचुरल रिफॉर्मर हैं। हम हर चुनौती का मुकाबला करते हैं। फिर चाहे वो सोशल हो या इकोनॉमिक। आज हम महामारी के खिलाफ पूरी ताकत से जंग लड़ रहे हैं। लेकिन, हम ये भी चाहते हैं कि विकास और पर्यावरण की एकसाथ हो।”
आत्मनिर्भर भारत का मतलब
पीएम मोदी ने कहां “आत्मनिर्भर भारत का मतलब स्वयं तक सीमित होना या दुनिया के लिए बंद हो जाना नहीं है इसका मतलब है ‘सेल्फ सस्टेनिंग’ और ‘सेल्फ जेनरेटिंग’ होना है।”
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि महामारी ने एक बार फिर दिखाया है कि भारत की दवा इंडस्ट्री सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए है। भारत में दवाइयों की लागत कम करने में अग्रणी भूमिका निभाई है खासतौर से विकासशील देशों के लिए।
महामारी और अर्थव्यवस्था पर ध्यान दे रहा है भारत
पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि एक तरफ भारत लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर वैश्विक महामारी के साथ लड़ रहा है, दूसरी और हमारा इतना ही ध्यान देश की अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य पर भी है। आज हमारी कंपनियां कोविड-19 की दवाई बनाने और उसका उत्पाद करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में सक्रिय हैं। मुझे यकीन है कि भारत दवाई बनाने में और बन जाने के बाद उसका उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह कार्यकाम 3 दिनों तक चलेगा
इसका थीम – बी द रिवाइवल : इंडिया एंड अ बैटर न्यू वर्ल्ड है। इसमें 30 देशों के 5000 दुनिया के प्रतिभागी, 75 सत्रों में 250 दुनिया के वक्ता संबोधित करेंगे।