रमेश गड़िया

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, काशी प्रान्त कोरोना महामारी के दौरान सेवा कार्य के साथ-साथ व्याख्यानों की श्रृंखला आयोजित कर रहा है। इसी कड़ी में अभाविप काशी प्रान्त की काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई द्वारा सोमवार को भारत-नेपाल सांस्कृतिक सम्बन्ध को लेकर एक व्याख्यान करवाया गया। जिसमें वक्ता के रूप में पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय संगठन मंत्री रमेश गड़िया ने अपना व्याख्यान दिया।

उन्होंने बताया कि भारत और नेपाल पड़ोसी देश होने के साथ साथ मित्र राष्ट्र भी हैं। दोनों देश राजनैतिक रूप से अलग होते हुए भी सांस्कृतिक, अध्यात्मिक और सामाजिक रूप से हमेशा जुड़े रहे हैं। प्राचीन काल से ही भारत और नेपाल का सम्बन्ध अटूट रहा है। भारत नेपाल की प्राचीनतम सांस्कृतिक एकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अयोध्या के राजकुमार राम का विवाह जनकपुरी की राजकुमारी सीता के साथ हुआ। इसी तरह महाभारत काल में भी नेपाल (विराटनगर) के लोगों पांडवों की ओर से युद्ध किया था।

धार्मिक रूप से भी भारत और नेपाल के सम्बन्ध अटूट रहे हैं। रमेश गड़िया ने अपने व्याख्यान में कहा कि दोनों देशों के धर्मग्रन्थ व महाकाव्य एक ही हैं चाहे वह वेद, पुराण, उपनिषद हो या रामायण या भगवदगीता ।

रमेश गड़िया ने बताया कि नेपाल के लोग भी काशी को मोक्षदायनी नगरी मानते हैं और पितरों के श्राद्ध को हरिद्वार और गया में कराना सर्वोत्तम मानते हैं। इसी तरह मोक्षदायिनी गंगा, यमुना, सरस्वती को नेपाल में श्रद्धा भाव के साथ पूजा जाता है।

भारत और नेपाल सिर्फ धार्मिक दृष्टी से ही एक नहीं है बल्कि नेपाली लोगों ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध किया था।
आज भी भारतीय सेना में गोरखा रेजिमेंट अपनी वीरता के लिए जानी जाती है। असम रायफल्स में भी नेपाली लोग सम्मिलित रहते हैं। वर्तमान समय में नेपाल का संघीय ढांचा भारत की तरह है। इसी तरह दोनों देशों की भाषा की लिपि देवनागरी है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लाकडाउन के दौरान लगातार अपने फेसबुक पेज से व्याख्यान आयोजित कर रहा है। जिसमें अलग-अलग विषयों पर वक्ता व्याख्यान देते हैं।