इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने सोमवार को रैपिड एंटी बॉडी ब्लड टेस्ट को लेकर राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। साथ ही चीन की दो कम्पनी बायोमेडेमिक्स एवं वोंडफो द्वारा दी गयी किट का प्रयोग बन्द करने को कहा है।
It needs to be stressed that ICMR hasn’t made any payment whatsoever in respect to these supplies. Because of due process followed(not going for procurement with 100% advance amount), Govt doesn’t stand to lose a single rupee: Govt of India on Rapid Antibody test kits procurement
— ANI (@ANI) April 27, 2020
बता दें कि कुछ दिनों से देश के कई राज्यों द्वारा टेस्ट किट की गुणवत्ता को लेकर शिकायत की जा रही थी। अब आईसीएमआर ने इन किट्स की जांच कर कहा है, कि दूसरे राज्य इन दो कंपनियों के टेस्टिंग किट का इस्तेमाल न करें और अगर हो सके तो किट सप्लाई करने वालों को ये वापिस भेज दें। इससे पहले भी आईसीएमआर ने राज्यों को कहा था कि वे रैपिड एन्टी बॉडी किट का इस्तेमाल दो दिन के लिए रोक दें।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि, ‘पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए आईसीएमआर ने टेंडर के आधार पर ही किट के लिए ऑर्डर दिया था। जिसमें बहुत सारी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां शामिल थी। टेंडर देते समय सभी चीज़ों का ख्याल रखा गया था। लेकिन किट आने के बाद से इसकी शिकायतें आने लगी।
अब आईसीएमआर ने इसपर कार्रवाई करते हुए टेंडर रद्द कर दिया है।
मुद्दा क्या था?
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि, भारत में जब रैपिड किट मंगवाई जाती है उसकी कीमत 245 रुपए होती है। लेकिन आईसीएमआर अपने मुनाफ़े के लिए इस किट को 600 रुपये में बेच रही है। इस खबर के बाद ही दिल्ली हाई कोर्ट की न्यायधीश नाजमी वजीरी ने आदेश दिया था कि इस किट की कीमत को 33 फीसदी तक कम किया जाए और किट की कीमत 400 रुपये की जाए।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी फैक्ट शीट में क्या कहा?
अब आईसीएमआर ने अपनी फैक्ट शीट जारी की है। जिसमें कहा गया है कि ‘इन किटों को खरीदने की आईसीएमआर की पहली कोशिश पर आपूर्तिकर्ताओं से कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई। दूसरे प्रयास में पर्याप्त प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। इन प्रतिक्रियाओं में संवेदनशीलता और विशिष्टता को ध्यान में रखते हुए 2 कंपनियों (बायोमेडेमिक्स एवं वोंडफो) के किटों की खरीद के लिए पहचान की गई। दोनों के पास अपेक्षित अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणन थे।
वोंडफो के लिए, मूल्यांकन समिति को 4 बोलियां (BID) प्राप्त हुई। जो रु.1,204, रु.1,200, रु.844 और रु.600 की थीं। इसी के अनुरूप आईसीएमआर द्वारा 600 रु. वाली बोली पर पेशकश पर मंजूरी दी गयी।
आईसीएमआर ने यह भी बताया कि उन्होंने रैपिड टेस्ट की आपूर्ति के लिए पेमेंट नहीं किया है। इसे 100% एडवांस देकर नहीं लिया गया था। भारत सरकार को इससे एक भी रुपए का भी नुकसान नहीं होगा।