स्रोत - जनसत्ता

कोरोना महामारी ने देश और दुनिया के अधिकतर देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। उसका असर इन सभी देशों की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति में भी देखने को मिल रहे हैं। भारत में इसके असर यहां की विविधतता और ग्रामीण शहरी व्यवस्था में रहने वालों नागरिकों के संदर्भ में अन्य देशों से काफ़ी अलग हैं। ऐसे में हमें भारत की विविधता और सांस्कृतिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए कोविड 19 से फैली महामारी से लड़ना है। इससे लड़ते हुए लोकल से वोकल होने की जो बात माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने कही है वह भारत की सामाजिक अवधारणा में वर्षों से रही है। उदारीकरण और बढ़ते वैश्विक अर्थव्यवस्था के दवाब में उस पर कभी ध्यान ना सरकारों द्वारा दिया गया न ही नागरिकों ने इसे समझा। अब जब दुनिया के सामने एक संकट खड़ा है तो उसे वह सब अवधारणा याद आने लगी है जिसे कभी वो समझते हुए दरकिनार करता रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए लोकल सामान खरीदने की बात कही थी यानी देश की जनता कोई भी सामान खरीदी वह भारत का बना हुआ ही खरीदें।

चीन के घुसपैठ के बाद शुरू हुआ चीनी समान का बहिष्कार
बीते दिनों में चीन की सेना भारत के जमीन पर कब्जा करने में लगी है तब से भारत में चीन के समान को लेकर बहिष्कार शुरू हो गया इसी में चीन देश में निर्मित टिक टॉक एप को अनइंस्टॉल किया जाने लगा और उसकी रेटिंग भी गिराई गई थी इसके साथ ही टि्वटर, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया पर #चाइनीस प्रोडक्ट बॉय कट का ट्रेंड भी चलाया गया। और लोकल से वोकल कि मुहिम चलाने की बात की!

भारत ने 1126 करोड़ का ठेका दे दिया चीन को

NCRTC ने पिछले साल नवंबर में भूमिगत नागरिक निर्माण पैकेज के लिए वैश्विक बोलियां आमंत्रित की थी और इस अनुबंध के लिए तकनीकी बोलियां 16 मार्च 2020 को खोली गई थी। जनसत्ता की खबर के मुताबिक सुरंग बनाने के लिए यह ठेका 1126 करोड़ रुपए का चीनी कंपनी को दे दिया गया है। इस कंपनी का नाम एसटीईसी है। इस ठेके पर कई कंपनियों ने बोली लगाई लेकिन सबसे कम बोली लगाने वाली एसटीईसी कंपनी ही थी।

अनेक कम्पनियों ने लगाई थी बोली

शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड (STEC): 1,126 करोड़ (L-1)
लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (एल एंड टी): 1,170 करोड़ रुपये (एल -2)
गुलेरमक अगिर सनाय इंसात वे ताहुत ए.एस. (गुलेरमक): 1,326 करोड़ (L-3)
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड- SKEC JV: 1,346 करोड़ (L-4)
Afcons इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड .: 1,400 करोड़ (L-5)

कंपनी दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर टीबीएम द्वारा कट और कवर विधि का उपयोग करते हुए न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद यूपी रैंप तक ट्विन टनल को डिज़ाइन और उसका निर्माण करेंगी। इसके अलावा कंपनी आनंद विहार में एक अंडरग्राउंड स्टेशन का निर्माण भी करेगी। NCRTC द्वारा स्वीकृति पत्र जारी करने के बाद, STEC को 1095 दिनों में न्यू अशोक नगर और साहिबाबाद के बीच सुरंग बनाने का काम पूरा करना है। कांट्रैक्ट की शर्तों के अनुसार, टनल का काम टीबीएम द्वारा कट और कवर विधि के माध्यम से ही किया जाएगा।

लोकल से वोकल फेल हो रहा!
इस खबर के बाद जनता की प्रतिक्रिया है कि जनता सिर्फ झालर और चीनी सामान का बहिष्कार करने के लिए ही है लेकिन हमारी सरकार चीन के कंपनी को कम बोली के चक्कर में ठेका दे रही है!