लोकतंत्र में लोक लाज बची होनी चाहिए। पत्रकार अरुणव गोस्वामी के मामले में महाराष्ट्र सरकार ने लोक लाज त्याग दिया है। सरकार कमियां छुपाना चाहती है और पत्रकार उसे उभारना चाहते हैं। महाराष्ट्र सरकार अरुणव को घेरने के लिए तरह-तरह के प्रयत्न कर रही है। सत्ता से अड़ने और सत्य को उजागर करने की कीमत अरुणव गोस्वामी को चुकानी पड़ रही है। डॉ कुलदीप चंद अग्निहोत्री रविवार को जागृयाम द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे।
डॉ कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि महाराष्ट्र की सत्ता पत्रकारों के साथ तानाशाही जैसा व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि पत्रकार को जेल जाने से नहीं डरना चाहिए। क्योंकि पत्रकार सत्य बोलता व लिखता है जबकि आम आदमी सत्ता के खिलाफ बोलने से डरता है लेकिन जब पत्रकार डरने लगे तब समझो लोकतंत्र खतरे में है।
पत्रकारिता में जो जोखिम उठाने का साहस रखते हैं वही पाठक का सम्मान अर्जित करते हैं।
पत्रकार की पूंजी उसके पाठक व दर्शक होते हैं। पाठकों की दृष्टि में अरुण गोस्वामी का कद बढ़ रहा है।
डॉ कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ लिखने वाले पंजाब केसरी के संपादक लाला जगत नारायण का परिवार बलिदान हो गया लेकिन उन्होंने सत्य से समझौता नहीं किया।
पत्रकार खामोश क्यों?- के विक्रम राव
वरिष्ठ पत्रकार के विक्रम राव ने कहा कि मीडिया को आजादी सत्ता की मेहरबानी के कारण नहीं मिली है। सदियों पहले संघर्ष के बाद मीडिया को आजादी मिली है। उन्होंने कहा कि आज सच लिखने के कारण पत्रकारों के साथ जो हो रहा है वह इंदिरा गांधी के शासन की याद दिलाता है। अन्याय अत्याचार के खिलाफ लिखने और बोलने को मीडिया को आजादी है। लेकिन पत्रकार सत्ता की तानाशाही के खिलाफ अभियान चलाता है तो सरकार उसकी आवाज को दबाने का काम करती है।
के विक्रम राव ने कहा कि पत्रकार और पत्रकारिता पर हमला हो रहा है और अधिकांश पत्रकार साथी खामोश हैं। आज एक राज्य का मुख्यमंत्री सत्ता के नशे में पत्रकार पर हमलावर है अगर हम नहीं मुखर हुए तो यही स्थिति अन्य राज्यों में भी होगी।
भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली में अंग्रेजी पत्रकारिता विभाग के प्रोफेसर प्रमोद कुमार ने कहा कि जनता की आवाज को स्वर देना क्या गुनाह है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र प्रसाद ने किया।
कार्यक्रम का संचालन पत्रकार बृजनंदन राजू ने किया।
अभीष ठाकुर ने वक्ताओं का आभार प्रकट किया