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शांभवी शुक्ला

जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाने के बाद केंद्र सरकार की ओर से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े इंतजाम किए गए थे। जिसके मद्देनजर जम्मू कश्मीर के बड़े नेताओं को अपने घर में नजरबंद कर दिया गया था। इस नजरबंदी में उमर अब्दुल्ला फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल थे। हालांकि अभी उमर अब्दुल्ला और फारुख अब्दुल्ला को रिहाई मिल चुकी है। जबकि महबूबा मुफ्ती को लेकर किसी तरह की सूचना नहीं आई है।

इस पूरे मामले पर महबूबा की बेटी इल्तजा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी पर चिंता जताई। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट का भी कड़ा रुख सामने आया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तलब किया कि आखिर कब तक महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किया जाएगा।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार की ओर इशारा कर पूछा की कब तक और किस आदेश के तहत केंद्र सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को अभी तक नजरबंदी में रखा है। इसके साथ ही उन्हें कानून की भी जानकारी देनी होगी। आखिर किस कानून के तहत यह कार्रवाई की गई है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा शरद किए जाने के बाद केंद्र सरकार को 1 हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश जारी किया गया है। इसी के साथ महबूबा मुफ्ती को अपने बेटी इल्तजा और बेटे से मिलने की अनुमति भी दी गई है।