स्रोत: ANI

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देश को संबोधित किया। 69वें मासिक रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ में आज पीएम मोदी ने कोरोना संकट, किसान, परिवार, कथा-कहानी और कहानीकारों पर प्रमुख रूप से चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है , वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है। कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है। कहा कि देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं। ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नीवं मजबूत होगी।

बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि हरियाणा के एक किसान भाई में मुझे बताया कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में दिक्कत आती थी। लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को एपीएमसी से बाहर कर दिया गया, इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ। 3-4 साल पहले ही महाराष्ट्र में फल और सब्जियों को एपीएमसी के दायरे से बाहर किया गया था।

इस बदलाव ने महाराष्ट्र के फल और सब्जी उगाने वाले किसानों की स्थिति बदली है। उन्होंने कहा कि वर्षों तक किसानों के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने वाली और बिचौलियों को राजनीतिक संरक्षण देने वाली पार्टियों को किसानों को मिली स्वतंत्रता हजम नहीं हो रही है। कृषि सुधार विधेयकों के पारित होने से देश का किसान खुश है और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

इससे पहले उन्होंने कहा कि जब दो गज की दूरी एक अनिवार्य जरुरत बन गई है, तो इसी संकट काल ने, परिवार के सदस्यों को आपस में जोड़ने और करीब लाने का काम भी किया है। हर परिवार में कोई-न-कोई बुजुर्ग, बड़े व्यक्ति परिवार के, कहानियाँ सुनाया करते थे और घर में नई प्रेरणा, नई ऊर्जा भर देते हैं। हमें, जरुर एहसास हुआ होगा, कि, हमारे पूर्वजों ने जो विधायें बनाई थी, वो, आज भी कितनी महत्वपूर्ण हैं और जब नहीं होती हैं तो कितनी कमी महसूस होती है। उन्होंने कहा कि कोरोना के इस कालखंड में पूरी दुनिया अनेक परिवर्तनों के दौर से गुजर रही है।