अखिलेश यादव ने ट्वीट करके लिखा की कानपुर की सरकारी बाल संरक्षण गृह से आई से उत्तर प्रदेश में आक्रोश फैल गया है। इनमें 57 कोरोना से व एक एड्स से भी ग्रसित पाई गई है, इनका तत्काल इलाज हो।
सरकार शारीरिक शोषण करने वाले खिलाफ तुरंत जांच बैठाए।
दरअसल उत्तर प्रदेश के एक सरकारी बालिका संरक्षण गृह में रहने वाली लड़कियों की कोरोना रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। कानपुर के एक राजकीय बालिक संरक्षण गृह में रहने वाली लड़कियों में कोरोना के लक्षण दिख रहे थे। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दी। स्वास्थ्य विभाग की टीम जब इन लड़कियों की जांच करानी शुरू की तो पता चला कि बाल संरक्षण गृह में रहने वाली दो लड़कियां गर्भवती हैं। एक को एचआईवी है तो एक लड़की हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त है।
जानकारी के मुताबिक, कानपुर स्थित इस राजकीय बाल संरक्षण गृह की 57 लड़कियों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद इन लड़कियों को कोरोना के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। इस दौरान डॉक्टरों ने जांच में पाया कि दो 17 साल की लड़कियां गर्भवती हैं। प्रेग्नेंट होने के साथ ही एक लड़की एचआईवी और एक हेपेटाइटिस सी के संक्रमण से ग्रसित है।
पुलिस का स्पष्टीकरण
इस पूरे मामले में कानपुर के SSP दिनेश कुमार पी. का कहना है कि दोनों लड़कियां शेल्टर होम आने से पहले ही प्रेग्नेंट थीं। आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज है। एक लड़की कन्नौज तो दूसरी आगरा से आई थी। बेवजह मामले को गलत मोड़ दिया जा रहा है।