वाराणसी। डी.ए.वी. पी.जी. कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित ‘समाज और संस्कृति पर कोविड-19 का प्रभाव’ विषयक पांच दिवसीय अंतराष्ट्रीय वेब वर्कशाप का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में आज के मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष कुमार गुप्ता ने कहा कि समाज एवं संस्कृति को इस महामारी से बचाने के लिए के इस संकट की घड़ी में सामाजिक दूरी बनाए रखना अति आवश्यक है और उन्होंने यह कहा कि सामाजिक दूरी (Social Distence) की जगह यदि शारीरिक दूरी (Physical Distance) शब्द का प्रयोग ज़्यादा न्यायोचित रहेगा।

इस अवसर पर प्रो. मानवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह महामारी एक बहुत बड़ी समस्या के रूप में देश के सामने आ खड़ी है तथा राज्य और केंद्र सरकार एकजुट होकर इस महामारी से लड़ रहे हैं, जनता का सहयोग इस कार्य में अति आवश्यक है।

समाजशास्त्र विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो. जयकान्त तिवारी ने कहा कि इस महामारी का सबसे ज़्यादा प्रभाव ग़रीब एवं निचले स्तर के लोगों पर पड़ा है।

कार्यक्रम के अंतिम सत्र में कॉलेज के उपाचार्य डॉ. शिव बहादुर सिंह ने इस सत्र के वक्ता लीडेन यूनिवर्सिटी, नीदरलैण्ड के प्रो. पॉल स्ट्रीमोर का स्वागत किया। प्रो. पॉल ने भारत के संदर्भ में अपने अनुभव को साझा किया और बताया कि झारखंड जैसे क्षेत्र में इस महामारी एक चुनौती बनकर आयी है।उन्होंने कहा कि भारत जैसे आबादी वाले देश में इस महामारी को फैलने से रोकना बहुत ज़रूरी है।

अंत में डॉ. मधु सिसोदिया ने धन्यवाद ज्ञापन कर आज के सत्र का समापन किया। इस वेब वर्कशॉप में 100 से अधिक प्राध्यापक और शोधार्थियों ने हिस्सा लिया। वेब वर्कशॉप में प्रो. आभा अवस्थी, डॉ. विक्रमादित्य राय, डॉ. नेहा चौधरी, डॉ. हसन बानो व अन्य ने प्रतिभाग किया।