प्रभुनाथ शुक्ला

भदोही, 26 जुलाई। कोरोना महामारी के कारण स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालय के बंद होने के कारण विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से करनी पड़ रही है इसमें उन्हें अनेक चुनौतियों एवं समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए पहल मनोचिकित्सा एवं परामर्श केंद्र, वाराणसी द्वारा, ऑनलाइन कक्षाओं का विद्यार्थियों पर प्रभाव विषयक निशुल्क राष्ट्रीय वेब कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।

कान्फ्रेंस को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए प्रो. आशुतोष कुमार सिंह, डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन, एनआईटी, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, हरियाणा ने कहा कि वर्तमान समय में ऑनलाइन कक्षाओं के लिए बहुत सारे एप्लीकेशन एवं साधन उपलब्ध है बस उनको ठीक से प्रयोग करने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ज्ञानपुर, भदोही के प्राचार्य डॉ पीएन डोंगरे ने बताया कि भारत जैसे विशाल व विविधतापूर्ण देश में अचानक से ऑनलाइन कक्षाओं को सुचारू रूप से संचालित करना चुनौती पूर्ण कार्य है। शिक्षकों को थोड़ी प्रशिक्षण के द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं के लिए समुचित ढंग से तैयार करना होगा।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री अजय कुमार सिंह, प्रिंसिपल, जेनेसिस ग्लोबल स्कूल, नोएडा ने कहा कि 20:20:20 के नियम का पालन करते हुए शिक्षक ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ाएं तो इससे विद्यार्थियों के शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव कम पड़ेगा तथा वे अच्छे से सीख सकेंगे। डॉ पी एन मिश्रा शिक्षक, केंद्रीय विद्यालय, गाजीपुर ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को धीरे-धीरे ऑनलाइन कक्षाओं के लिए भौतिक, शारीरिक एवं मानसिक रूप से तैयार होना अति आवश्यक है।

प्रो. संध्या ओझा संरक्षिका राष्ट्रीय वेब कॉन्फ्रेंस ने कहा कि निश्चय ही संसाधनों की कमी है किंतु शिक्षक एवं विद्यार्थियों के ऊंचे मनोबल के द्वारा शिक्षा को बाधित होने से बचाया जा सकता है, भारतवर्ष में प्राचीन समय से ही ऑनलाइन कक्षाओं के प्रमाण मिलते हैं। राष्ट्रीय वेब कांफ्रेंस के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ मनोज तिवारी ने बताया कि ऑनलाइन कक्षाएं विद्यार्थियों के लिए न केवल चुनौतियों व समस्याएं लाई है बल्कि यह शिक्षक एवं विद्यार्थियों को अपने को तैयार करने का सुनहरा अवसर भी साथ लाई है।

कांफ्रेंस के कन्वीनर डॉ मुकेश श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी ऑनलाइन कक्षाओं तक विद्यार्थियों की पहुंच नहीं है इसके लिए व्यापक रूप से सुविधाओं का प्रसार किया जाना आवश्यक है। डॉ मनीष मिश्रा ने कान्फ्रेंस का सार प्रस्तुत करते हुए कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं से छात्रों को अनेक सुविधा एवं सहूलियत भी प्राप्त होगा। कॉन्फ्रेंस में डॉ श्रद्धा त्रिपाठी मनोवैज्ञानिक, केन्या, श्रीमती सोनी सिंह परामर्शदाता, नोएडा, डॉ सीता गौतम सोशल एक्टिविस्ट, न्यू इंडिया मिशन, न्यू दिल्ली ने अपने विचार साझा किए।कार्यक्रम का संचालन डॉ मुकेश श्रीवास्तव व अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन डॉ मनोज तिवारी ने किया।