प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायती राज दिवस (24 अप्रैल) के अवसर पर दो बड़ी योजनाओं की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने देश भर के सरपंचों और ग्राम प्रधानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान ई- ग्राम स्वराज पोर्टल और ऐप (Gram Swaraj Portal and App) लॉन्च किया। साथ में ग्रामीणों के लिए स्वामित्व योजना की शुरुआत भी किया। आइए जानते हैं इन दोनों योजनाओं के बारे में।
क्या है ई-ग्राम स्वराज पोर्टल
ई- ग्राम स्वराज पोर्टल भारत सरकार के पंचायती मंत्रालय द्वारा कंट्रोल किया जाएगा। इस पोर्टल पर भविष्य में ग्राम विकास कार्यों का पूरा विवरण(लेखाजोखा) मिलेगा। ग्राम पंचायत द्वारा मौजूदा समय में क्या काम करवाया जा रहा है, उस काम की प्रगति क्या है और काम के लिए सरकार के तरफ से कितना फण्ड जारी किया गया है। ये सभी जानकारियां आपको एक पोर्टल पर मिल जाएगी।
पहले ग्राम विकास कार्यों से जुड़ी जानकारी के लिए अलग-अलग पोर्टल पर जाना पड़ता था लेकिन अब नहीं जाना होगा। क्योंकि सारी जानकारी इसी पोर्टल पर भविष्य में उपलब्ध कराई जाएगी। ग्राम पंचयात को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से इस पोर्टल की शुरुआत की गई है। सरकार का कहना है कि इस पोर्टल से ग्राम विकास कार्यों में पारदर्शिता आएगी।
इसका सबसे ज्यादा फायदा है कि गाँव का कोई व्यक्ति जान सकेगा कि अपनी ग्राम पंचायत में क्या चल रहा है, कौन से योजनाओं पर काम हो रहा है, योजनाओं के लिए कितनी फंडिंग हुई है, विकास कार्यों से जुड़ी हर अपडेट, वो अपने मोबाइल पर प्राप्त कर सकेगा। इससे उन ग्राम प्रधानों के लिए मुसीबत होगा, जो ग्रामीणों को विकास योजनाओं के बारे में नहीं बताते हैं। साथ ही ग्राम प्रधान की जवाबदेही भी तय होगा। और ग्रामीणों में जागरूकता भी आएगी।
पोर्टल का पता www.egramswaraj.gov.in है। आप इस पोर्टल का मोबाइल पर ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए आपको गूगल प्ले स्टोर में जाकर सर्च बॉक्स में eGramSwaraj डालना होगा। यहां से आप आसानी से अपनी मोबाइल में ऐप इनस्टॉल कर सकते हैं।
स्वामित्व योजना क्या है
इस योजना से ग्रामीणों में संपत्ति को लेकर भ्रम की स्थिति खत्म होगी। गाँवों के लिए विकास योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी। ग्रामीणों को अपनी जमीन का मालिकाना हक देने कि ये अत्याधुनिक तकनीक है। इस योजना के तहत ड्रोन से एक-एक जमीन की मैपिंग की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस योजना का फायदा उठाते हुए ग्रामीण भी बैंक से लोन लें सकेंगे। उन्होंने बताया कि गाँव में जमीन को लेकर झगड़े खत्म हो जाएंगे और विकास कार्य में रफ्तार मिलेगी। अभी उत्तर प्रदेश,मध्यप्रदेश समेत 6 राज्यों में ट्रायल के तौर पर शुरू किया जाएगा। फिर इसे देश के अन्य गाँवों में भी लागू किया जाएगा।