पूर्वोत्तर के विकास में कुछ बाधाएं रही थी। जिसमें भौगोलिक दूरियां सबसे बड़ी बाधा थी जिसके कारण पूर्वोत्तर तक विकास नहीं पहुंच पाता था। लेकिन सिर्फ भौगोलिक दूरी ही नहीं बल्कि राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी भी पूर्वोत्तर के विकास में एक बड़ी बाधा थी। 2014 में नरेन्द्र मोदीप्रधानमंत्री बनने के बाद नागालैण्ड गए,17 साल बाद वहाँ कोई प्रधानमंत्री गया था। इन्हीं प्रयासों से पूर्वोत्तर के बीच दूरियां मिट रही है। विकास के मार्ग पर अग्रसर पूर्वोत्तर विषय पर ABVP असम के फेसबुक लाइव कार्यक्रम के दौरान यह बातें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विश्वविद्यालय प्रमुख श्रीहरि बोरिकर ने कही।
इस बातचीत के दौरान श्रीहरि बोरिकर असम के मुख्यमंत्री और स्वास्थ मंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा जिस प्रकार उन्होंने कोरोना से लड़ने प्रयास किया उसकी तारीफ होनी चाहिए।
पिछले कुछ सालों में पूर्वोत्तर से सेनाएं हटाई गई
2009 के दिनों को याद करते हुए उन्होंने छात्रों को बताया कि “पिछले कुछ सालों के दौरान सेना के जवानों की तैनाती में कमी की गई। 2009 और उससे पहले बड़ी संख्या में जवान पूर्वोत्तर के इलाकों में रहते थे। वर्तमान सरकार की नीतियों की वजह से पूर्वोत्तर में आज शांति है।”
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लाकडाउन के दौरान विभिन्न विषयों पर फेसबुक लाइव कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।