पटना, 12 जुलाई:प्लुरल्स पार्टी की प्रेसिडेंट और मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार सुश्री पुष्पम प्रिया चौधरी ने बिहार सरकार पर ज़ोरदार हमला किया है। उन्होंने सरकार से पिछली वायदों और उसके क्रियान्वयन को लेकर हिसाब माँगा है और कहा है कि सरकार कब अपनी ज़िम्मेदारी समझेगी। बाढ़ की समस्या को प्रकृति की आपदा मानकर सरकार अपने कार्यों की इतिश्री कर लेती है। बाढ़ के लिए सरकार कभी नेपाल तो कभी अत्यधिक बारिश तो कभी नदियाँ और जब कुछ नहीं होता तो नक्षत्रों को खलनायक बना दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ़ सरकारी विज्ञापनों में ख़ूबसूरत है जबकि यथार्थ  में बेबस और बदहाल बिहार। उन्होंने अपने फ़ेसबुक पोस्ट पर लिखा है कि “बिहार में डिज़ास्टर मैनेजमेंट डिज़ास्टर आने के बाद शुरू होता है। मैनेज सिर्फ़ छवि हो पाती हैं बाक़ी डिज़ास्टर जस-का-तस! पॉलिसीमेकिंग और इम्पलीमेंटेशन का एक उदाहरण लीजिये- 2008 की कोसी बाढ़, सीएम रिलीफ़ फंड में 250 करोड़ चंदा लिया गया, घोषणा हुई कि 110 “बाढ़ आश्रयणी स्थल” के बड़े-बड़े भवन बनाये जाएँगे उत्तर बिहार में ताकि बाढ़ कैम्प न लगाना पड़े. नतीजा? बीरपुर बराज फिर कोसी का मिज़ाज बता रहा है, लोग बेघर होने शुरू हैं और घोषणा वाले भवन फ़ाईलों के टेंडर में दर-बदर! दुनियाँ में लोगों ने समंदर में शहर डाल दिये, नदियों का रास्ता बदल दिया और यहाँ 50 साल में बांध-नहर की एक योजना बनती है और उद्घाटन के अगले दिन टूट जाती है! दोष देने को नदियां, नेपाल और नक्षत्र हैं ही. अब बाढ़-सूखा जैसी आदिम जमाने की समस्याओं से मुक्ति का समय है”

पुष्पम प्रिया चौधरी ने इसके साथ कोशी बैराज का 40 सेकेंड का वीडियो जारी किया है कोशी बैराज के फ़ेसबुक पेज पर पोस्ट किया गया था।

‘बिहार का शोक’ कही जाने वाली कोसी नदी में जल का जो प्रवाह दिख रहा है उससे कोसी के जलस्तर बढ़ने की संभावना है इससे नदी के तटबंधों के भीतर रहने वाली एक बड़ी आबादी को विस्थापन का दर्द झेलना पड़ सकता है।