शांभवी शुक्ला
रूस ने कोरोनावायरस की वैक्सीन बनाने का दावा किया है। इस दावे पर रूसी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और स्वयं राष्ट्रपति पुतिन ने हामी भरी है। निश्चित तौर पर यह कोरोना कि पहली वैक्सीन हो सकती है। पुतिन ने यह बयान साझा किया है कि उनकी दो बेटियों में एक को पहला टीका लगाया गया है। टीकाकरण के बाद वह पहले से बेहतर महसूस कर रही है।
दूसरी तरफ चीन पीपल्स लिबरेशन आर्मी की मदद से कोरोना का टीका बड़े पैमाने पर अपने सैनिकों को लगा रही है। हालांकि अभी तीसरे चरण में इसका परीक्षण चल रहा है। वही नतीजे आने से पहले ही चीन सैनिकों को टीका लगाना भी शुरू कर दिया है।इसके अलावा चीनी मीडिया में डॉक्टर चेन वेई को इसका श्रेय दिया जा रहा है।
इन सब बातों से परे वाइट हाउस से खबर कुछ और है। कोरोनावायरस टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर एंथनी फौसी ने कहा कि 90 से 98 फ़ीसदी असरदार वैक्सीन की संभावना बेहद कम है। लेकिन 50 से 60 फ़ीसदी वैक्सीन भी कारगर हो सकती है।
भारत भी इस क्रम में पीछे नहीं है। सिरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के एसीईओ अदर पूनावाला ने कहा है कि उनकी कंपनी दिसंबर तक कोरोना वायरस की वैक्सीन लांच कर देगी।
जबकि रूस 12 अगस्त को वैक्सीन का पंजीकरण करने जा रहा है। हालांकि इस पर अमेरिका ब्रिटेन और डब्ल्यूएचओ की प्रतिक्रिया नहीं आई है। जिससे संदेह की स्थिति अभी भी बनी है।