शिल्पा दूबे

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में अपने छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए परामर्श (काउंसलिंग) सेवा शुरू कर दी। डीयू की प्रोक्टर प्रो. नीता सहगल ने इस बारे में विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जानकारी साझा की है। छात्रों को मनोविज्ञान विभाग से जुड़े शिक्षक परामर्श सेवा देंगे। लॉकडाउन लागू होने के बाद सभी प्रकार की परिस्थितियों का सामना करने के लिए और छात्रों व शिक्षकों को हर संभव सहयोग देने के लिए डीयू प्रशासन की तरफ से टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

टास्क फोर्स की सदस्य डॉ. गीता भट्ट ने कहा है कि कोरोना वायरस के वैश्विक संकट के कारण सामाजिक व्यवहार और जीवन यापन पूर्णत: बदल गया है। महामारी का प्रकोप लोगों को मानसिक रूप से प्रभावित कर रहा है। जीवन शैली में आए बदलाव और इन असामान्य परिस्थितियों में कई छात्र चिंता और तनाव महसूस कर रहे हैं। क्योंकि,कुछ छात्र अपने परिजनों से दूर अभी भी छात्रावास में रह रहें हैं। ऐसे में दिल्ली विश्वविद्यालय के कई मनोचिकित्सक और मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर ईमेल, वाट्सएप और अन्य ऑनलाइन माध्यमों से छात्रों व अन्य कर्मचारियोंको परामर्श देंगे।
डीयू के छात्र, शिक्षक अथवा कर्मचारी यदि किसी तरह का मानसिक दबाव महसूस कर रहे हैं तो काउंसिलिंग के लिए संपर्क कर सकता है। 9 अप्रैल से यह सेवा शुरू कर दी गई थी। डॉ. गीता भट्ट ने कहा कि अब तक 80 छात्र इस काउंलिंग की सेवा लाभ ले चुके हैं।

साथ ही स्टूडेंट के एग्जाम को लेके अभी बात चल रही है कि एग्जाम किस तरह लिए जाए। दिल्ली विशवविद्यालय के कई कॉलेज ने अपने एडमिट जारी कर दिए है परन्तु अभी इसको लेके कुछ नहीं कहां जा सकता कि एग्जाम कैसे करवाएं जाएंगे या कब होंगे।