स्रोत: वेब दुनिया

शाम्भवी शुक्ला

तीन तलाक कानून से मुस्लिम महिलाओं का जीवन निश्चित रूप से सुरक्षित हुआ है। दूसरी तरफ सरकार इसके 1 साल पूरे होने की खुशी में इसकी वर्षगांठ मनाना चाहती है। जिससे कि लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके। इस तरह के कानून देश हित में बेहद जरूरी साबित होते हैं। इनके सकारात्मक तरीके से लागू होने में सभी को आगे आना चाहिए।

तीन तलाक कानून के बदौलत सैकड़ों परिवार टूटने से बच गए हैं। वास्तव में इस कानून में मुस्लिम महिलाओं की तकरीर बिल्कुल बदल कर रख दी है। इस कानून के ना होने से लगभग हर साल सैकड़ों परिवार सूली चढ़ जाते थे। इसके उदाहरण अकबरपुर और प्रयागराज में देखने को मिला है।

इसी तरह की एक घटना है अकबरपुर के रसिया की। जिसकी शादी इंजीनियर तस्लीम से हुई थी। उसे पति की आदतों पर शंका होती थी। बात बिगड़ने के बाद मामला तलाक पर आ पहुंचा। थाने पहुंचने के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाया। लगातार समझौते के बाद अब खुशी से वे एक साथ रह रहे हैं।

प्रयागराज नगर के सब्जी मंडी निवासी अजहर अपनी पत्नी सबीना को आए दिन तलाक देने की धमकी देते थे। जब यह विषय समाजसेवी संगठनों तक पहुंचा तो शौहर को बातचीत के लिए बुलाया गया। तीन तलाक कानून के बारे में समझाने के साथ लोगों ने कहा कि जेल होगी और जमानत भी नहीं होगी।

इस पूरे प्रकरण को देखकर 1 साल पहले बने कानून की प्रासंगिकता को समझा जा सकता है कानून के जानकारों का भी मानना है कि इस कानून में मुस्लिम महिलाओं के उत्थान में बड़ी भूमिका निभाई है। तीन तलाक कानून बनने के बाद जेल जाने, कोर्ट कचहरी, जमानत न मिलने की बात से डर कई रिश्ते दोबारा संभल गए। आज वो खुशी से एक छत के नीचे रह रहे हैं।