उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ महीनों से ब्राह्मण वोट को रिझाने का काम चल रहा है। राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग घोषणाएं कर रही है। अब एक बार ताजा बयान उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमों मायावती का आया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा,’बीजेपी द्वारा केवल रामराज्य की बात करने से यूपी की गरीब जनता का विकास व उत्थान आदि होने वाला नहीं है और न ही उन्हें जुल्म-ज्यादती से निजात ही मिलने वाला है बल्कि श्रीराम के उच्च आदर्शों पर चलकर सरकार चलाने से ही यह सब सम्भव हो सकता है, जिसपर यह सरकार चलती हुई नजर नहीं आ रही है। खासकर ब्राह्मण समाज के प्रति बीजेपी की जातिवादी कार्यशैली से दुःखी होकर अब इस पार्टी से अलग होकर व बीएसपी में जुड़ते हुये देखकर इन्हें यह कह रहे हैं कि तिलक, तराजू की बात करने वाले अब परशुराम की बात कर रहे हैं। लेकिन यह समाज काफी बुद्धिमान है। इनके बहकावे में नहीं आयेगा। जबकि जग-जाहिर तौर पर तिलक, तराजू आदि की बात बीएसपी ने कभी नहीं कही और ना ही बाबरी मस्जिद के स्थान पर कभी शौचालय बनाने की भी बात कही है। ये सब घृणित आरोप विरोधियों नेे केवल बीएसपी को नुकसान पहुँचाने के लिए इन्हें जबरन हमारी पार्टी से जोड़ दिया है, जो अति-निन्दनीय। यदि इस आरोप में थोड़ी भी सत्यता होती तो फिर बीएसपी अपनी पिछली सरकार में खासकर ब्राह्मण समाज के विधायकों को बड़ी संख्या में मन्त्री व अन्य उच्च पदों पर क्यों रखती? वैसे यह समाज सब कुछ जानता है। वे बिल्कुल गुमराह नहीं होंगे। पार्टी को इनपर पूरा भरोसा।”