राहुल मिश्रा
पीएम नरेंद्र मोदी ने 12 मई को 20 लाख करोड़ के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी और इसका नाम दिया ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ हालांकि पीएम ने इस पैकेज के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी थी। 13 मई को शाम चार बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मीडिया के सामने आईं. उन्होंने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के बारे में जानकारी दी।
सरकार ने MSMEs, NBFC, एमएफआई, डिस्कॉम, रियल एस्टेट, टैक्स और कॉन्ट्रैक्टर्स को राहत देने के लिए 15 घोषणाएं की। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। ये पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 प्रतिशत है।
सूक्ष्म, लघु एवं मझोली उद्यमों (MSME)
सूक्ष्म, लघु एवं मझोली उद्यमों (MSME) को तीन लाख करोड़ रुपये का लोन बिना किसी गारंटी के मिलेगा। इससे 45 लाख इकाइयों को लाभ मिलेगी. इसकी समयसीमा 4 साल होगी। एक साल तक मूल धन नहीं चुकाना होगा। वहीं तनावग्रस्त MSME के लिए 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अच्छा कर रहे एमएसएई के लिए फंड ऑफ फंड्स का प्रावधान किया गया है। इसके तहत 50,000 का प्रावधान किया गया है। इससे इन इकाइयों को आकार और क्षमता बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
Rs 50,000 cr. Equity infusion for MSMEs through Fund of Funds; to be operated through a Mother Fund and few daughter funds; this will help to expand MSME size as well as capacity. #AtmaNirbharBharatAbhiyan #atmanirbharbharat pic.twitter.com/Y5FMC4TouI
— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 13, 2020
सीतारमण ने कहा कि निवेश और कारोबार के आधार पर एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किया गया है। एक करोड़ रुपये का निवेश और 5 करोड़ रुपये का कारोबार वाली इकाइयां माइक्रो इंडस्ट्री में आएंगी। 10 करोड़ तक का निवेश और 50 करोड़ का टर्नओवर वाली इकाइयां लघु उद्योग में आएंगी। 20 करोड़ निवेश और 100 करोड़ टर्नओवर वाली इकाइयां मध्यम उद्योग में आएंगी। ये सेवा और विनिर्माण दोनों तरह की इकाइयों के लिए होगा।
200 करोड़ तक का टेंडर ग्लोबल नहीं होगा। यह एमएसएमई के लिए बड़ा कदम है। इसके अलावा एमएसएमई को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा।
ईपीएफ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार अब अगस्त तक कंपनी और कर्मचारियों की तरफ से 12 फीसदी +12 फीसदी की रकम EPFO में जमा करेगी। इससे करीब 75 लाख 22 हजार कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। अगस्त तक सरकार ये मदद देगी।
सरकार के इस ऐलान का फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा, जिनके पास 100 से कम कर्मचारी हैं और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये से कम है।
इसके अलावा बड़ी कंपनियों के लिए EPF योगदान 12-12 प्रतिशत से कम करके 10-10 प्रतिशत किया गया है। लेकिन केंद्र और पब्लिश सेक्टर यूनिट में 12 प्रतिशत ही देंगे। सरकार के इस कदम से 6750 करोड़ रुपए लोगों के हाथ में ज्यादा आएगा।
एनबीएफसी के लिए
नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के लिए 30,000 करोड़ की विशेष लिक्विडिटी स्कीम लाई जा रही है।NBFC’s, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां या माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूट के पास जो धन का अभाव रहता था उसको दूर करने के लिए 30000 करोड़ रुपए की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम लाई गई है जिससे इनके धन की आपूर्ति होगी, इनको बल मिलेगा और आम नागरिक को भी लाभ होगा।
एनबीएफसी को 45,000 करोड़ की पहले से चल रही योजना का विस्तार होगा। वहीं आंशिक ऋण गारंटी योजना का विस्तार होगा, इसमें डबल ए या इससे भी कम रेटिंग वाले एनबीएफसी को भी कर्ज मिलेगा।
Government launches a Rs 30,000 crore Special Liquidity Scheme for NBFCs/HFCs/MFIs pic.twitter.com/vPfYGP7E7I
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रियल एस्टेट के लिए क्या?
निर्माण के काम के लिए छह महीने तक के लिए एक्सटेंशन दिया जा रहा है। निर्धारित समय में किए जाने वाले काम को तय तारीख से छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
.@MoHUA_India will advise States/UTs and their Regulatory Authorities to extend the registration and completion date suo-moto by 6 months for all registered projects expiring on or after 25th March, 2020 without individual applications pic.twitter.com/SBChFjXVGv
— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 13, 2020
इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख बढ़ाई गई
इनकम टैक्स रिटर्न की जो तारीख थी वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए उसको 31 जुलाई 2020 और 31 अक्तूबर 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया जाएगा। टैक्स ऑडिट को भी 30 सितंबर 2020 से बढ़ाकर 31अक्तूबर 2020 कर दिया जाएगा। बिजली वितरण कंपनियों की आय में भारी कमी के चलते 90000 करोड़ रुपए का प्रावधान डिस्कॉम्स और बिजली वितरण कंपनियों के लिए किया गया है। ये पैसा पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन और रुरल इलेक्ट्रीफिकेशन कॉर्पोरेशन के माध्यम से दिया जाएगा।
इसी तरह ‘विवाद से विश्वास’ स्कीम की डेडलाइन को 31 दिसंबर, 2020 तक कर दी गई है। पहले ये 30 जून तक के लिए था।
TDS रेट्स
टीडीएस रेट्स में 25 फीसदी की कटौती की गई है. इससे 50 हजार करोड़ रुपये का लाभ आम जनता को मिलेगा.
TDS तथा TCS कटौती की दर को मार्च, 2021 तक के लिए घटाया गया।
वित्त मंत्री के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र को बैंकों से जुड़े सुधार, बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन जैसे काम किए गए। वित्त मंत्री के मुताबिक 41 करोड़ जनधन अकाउंट होल्डर्स के खाते में डीबीटी ट्रांसफर किया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को लेकर चर्चा में पीएम मोदी के अलावा कई विभागों और संबंधित मंत्रालय चर्चा में शामिल रहे।