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प्रभुनाथ शुक्ला

भदोही, 18 सितम्बर । उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में तत्कालीन लोकनिर्माण मंत्री और वर्तमान राज्यपाल कलराज मिश्र का 22 साल पुराना शिलापट्ट हटा दिया गया। उसकी जगह भाजपा विधायक रवीन्द्रनाथ त्रिपाठी का शिलापट्ट लगा दिया। ग्रामप्रधान की इस कारवाई से लोगों में नाराजगी जाहिर की है।

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भदोही जिले के सुरियावां विकासखंड के पूरेमनोहर अभिया में निर्मित मॉडल विद्यालय कमरों में लगे टाइल्स का उद्घाटन शुक्रवार को भाजपा विधायक रवीन्द्रनाथ त्रिपाठी ने किया। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान और शिक्षा विभाग के लोगों की मिलीभगत से मॉडल के उद्घाटन के दौरान तत्कालीन लोकनिर्माण मंत्री और भाजपा नेता कलराज मिश्र का विद्यालय की बाउंड्री वाल पर लगा शिलापट्ट ग्रामप्रधान राजेश मौर्य विधायक का लगा दिया। विद्यालय को रंग- रोगन कर अपना और पंचायत अधिकारियों का शिलापट्ट लगवा लिया जबकि यह पट्ट 22 साल पूर्व लगा था।

पूर्व बीडीसी प्रेमचंद वर्मा ने ग्राम प्रधान पर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्राथमिक स्कूल के बाउंड्रीवाल का उद्घाटन तत्कालीन लोकनिर्माण मंत्री वर्तमान में राज्यपाल कलराज मिश्र ने 1997 में किया था। विद्यालय के मुख्यद्वार पर उनके नाम का शिलापट्ट लगा था। उस दौरान डा.पूर्णमासी पंकज भदोही के विधायक थे। उसी दिन वरुणा नदी पर बने पंडित दीनदयाल सेतु कि मिश्र ने आधारशिला रखी थीं। ग्राम प्रधान पूरेमनोहर ने जबरिया राज्यपाल का शिलापट्ट हटाकर उसी स्थान पर भाजपा विधायक रवीन्द्रनाथ त्रिपाठी का शिलापट्ट लगा दिया है। उनका आरोप है कि विधायक का शिलापट्ट लगने से मुझे कोई शिकायत नहीँ है, लेकिन एक राजनेता का पट्ट हटाना क्या संसदीय मर्यादा का उल्लंघन नहीँ है। वर्मा ने कहा है कि इस पूरे मामले का संज्ञान विधायक को ख़ुद लेना चाहिए, क्योंकि यह मामला उन्हीं के पार्टी के एक वरिष्ठ राजनेता और राज्यपाल की गरिमा से जुड़ा है।

जबकि भाजपा विधायक रवीन्द्रनाथ त्रिपाठी ने कहा है कि इस तरह का कोई मामला नहीँ है। तथाकथित लोग यह अफवाह फैला रहें हैं। अगर ऐसा है तो उसका प्रमाण दीजिए। कलराज मिश्र हमारे लिए आदरणीय हैं इस तरह की बात कभी हो भी नहीँ सकती है। उनका शिलापट्ट अभिया त्रिमुहानी पर लगा था। कोई शिलापट्ट अगर उखाड़ा गया है तो उसका प्रमाण दीजिए दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होगी। उधर पूर्व बीड़ीसी के इस आरोप पर ग्रामप्रधान राजेश मौर्य ने आमने- सामने बातचीत में अपनी सफाई देते हुए कहा कि हमने उस शिलापट्ट को हटाकर दूसरा लगाया है। इसमें कोई गुनाह नहीँ किया है। मेरा कार्य किसी को गुनाह लगता है तो मेरे खिलाफ कार्रवाई करने को लोग स्वतंत्र हैं।