उत्तराखंड की जनता भारत रत्न पं. गोविन्द बल्लभ पन्त के योगदान को सदैव याद रखेगी – प्रो. शर्मा
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बाजपुर, ऊधम सिंह नगर, उत्तराखंड में भारत रत्न पं गोविन्द बल्लभ पन्त की जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में उक्त विचार हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सत्य प्रकाश शर्मा ने व्यक्त किए ।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पंत जी का जन्म 10 सितंबर 1857 में अल्मोड़ा जनपद के ग्राम खूंट में हुआ था । बचपन में इनके पिता का निधन होने के कारण पालन पोषण नाना बद्री दत्त पंत के द्वारा किया गया। प्रारंभिक शिक्षा अल्मोड़ा में प्राप्त की । ये बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे वह प्रखर वक्ता, नैतिक तथा चारित्रिक मूल्यों के श्रेष्ठ नेता तथा सत्य की पैरवी करने वाले कुशल वकील थे। 1921 में गांधी जी के आह्वान पर यह असहयोग आंदोलन में सम्मिलित हुए तथा सक्रिय राजनीति को अपने जीवन का अंग बना लिया । इन्होंने 1915 में उत्तराखंड के काशीपुर में प्रेम सभा नामक संस्था की स्थापना की और यहीं पर उदय राज हिंदू कॉलेज की स्थापना में मुख्य भूमिका अदा की । साइमन कमीशन के विरोध में लखनऊ में जब यह प्रदर्शन कर रहे थे तो इन पर पुलिस की बहुत सी लाठियां पड़ी । पंडित नेहरू को बचाने में उन्हें गंभीर चोटें आईं ।ये उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे तथा केंद्र सरकार में गृह मंत्री के रूप में अपना प्रमुख योगदान दिया । भारत को भाषा के आधार पर राज्यों में विभक्त करना तथा हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने में इनका विशेष योगदान है । ये बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे ।
एक श्रेष्ठ साहित्यकार के रूप में भी उनकी ख्याति है । वे एक कुशल नाटककार हैं । वरमाला, राजमुकुट, अंगूर की बेटी इनके द्वारा लिखे प्रसिद्ध नाटक हैं। देश की सेवा करते हुए 7 मार्च 1961 को उनका निधन हुआ । काशीपुर को उन्होंने अपनी कर्मभूमि बनाई । ऐसे सच्चे जनसेवक को यहां की जनता सदैव याद करती रहेगी । इस अवसर पर डॉ नगेन्द्र द्विवेदी ने भी विचार व्यक्त किए ।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर कमला चान्याल ने पंत जी के जीवन के विविध पक्षों को विस्तारपूर्वक रखा । उन्होंने बताया की उत्तराखंड के निर्बल वर्गों के मसीहा के रूप में उन्होंने काम किया । समारोह का संचालन करते हुए राजनीति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर बृजेश कुमार जोशी ने पंत जी के जीवन के अचर्चित पहलुओं की जानकारी दी ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ जिसमें डॉ नूतन श्रीवास्तव, डॉ मनुहार आर्य, डॉ कुमार विमल लखटकिया, डॉ. मनप्रीत सिंह, डॉ दर्शना पंत, डॉ सूरज पाल सिंह, डॉक्टर जया कांडपाल, डॉक्टर अतुल उप्रेती, डॉ. विकास रंजन, आदर्श चौधरी, डॉ. संध्या चौरसिया, डॉ मनोहर चंद्र जोशी, रोहित कुमार सहित महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक कर्मचारी उपस्थित रहे ।